भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सुबह अचानक लोगों को हैरान कर दिया। उन्होंने एक सम्बोधन के दौरान कहा कि हम नए कृषि कानूनों को वापस लेंगे। इसे लेकर अब तरह तरह की प्रतिक्रियायें सामने आने लगी हैं। पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अब खुलकर नरेन्द्र मोदी सरकार का समर्थन कर दिया है। उन्होंने कहा कि वे भाजपा से सीट शेयरिंग करके विधानसभा चुनाव में उतरेंगे। कैप्टन ने पहले ही कहा था कि जैसे ही कृषि कानून रद्द होंगे और किसान आंदोलन खत्म होगा, तो वे भाजपा के साथ मिलकर चुनावी ताल ठोकेंगे। अब यह बात तय भी हो गई है कि सूबे में साढ़े तीन महीने बाद होने वाले चुनाव कैप्टन भाजपा के साथ मिलकर ही लड़ेंगे। कैप्टन अमरिंदर सिंह ने खुशी जताई कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किसानों की बात सुनकर उनकी चिंता समझी और कृषि कानून रद्द करने की घोषणा कर दी। उन्होंने कहा, ‘मैं लगातार इस मुद्दे को उठाता रहा और केंद्र सरकार से मिलता रहा।’
PM मोदी की घोषणा के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा, ‘पंजाब में आज हमारे लिए यह बहुत बड़ा दिन है। मैं इस मामले को एक साल से ज्यादा समय से उठा रहा था। इसको लेकर PM मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिला। उनसे गुजारिश करता रहा कि वे अन्नदाता की आवाज सुनें। बहुत खुशी है कि उन्होंने किसानों की बात सुनी और हमारी चिंताओं को समझा।’
Great news! Thankful to PM @narendramodi ji for acceding to the demands of every punjabi & repealing the 3 black laws on the pious occasion of #GuruNanakJayanti. I am sure the central govt will continue to work in tandem for the development of Kisani! #NoFarmers_NoFood @AmitShah
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 19, 2021
सिंघु-टीकरी बॉर्डर पर मनाया गया जश्न:
PM मोदी ने तीनों नए कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान कर दिया है। यह ऐलान होते ही दिल्ली के सिंघु और टीकरी बॉर्डर पर पिछले एक साल से डटे किसान खुशी से झूम उठे। जश्न का माहौल है। किसान एक-दूसरे के गले मिलकर खुशी जाहिर कर रहे हैं। किसानों ने इसे लंबे संघर्ष की जीत बताया है।
प्रधानमंत्री ने शुक्रवार सुबह राष्ट्र के नाम संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार तीनों नए कृषि कानूनों को नेक नीयत के साथ लाई थी, लेकिन भरपूर प्रयास के बाद भी यह बात हम किसानों को समझा नहीं पाए। यह कहते ही PM मोदी ने कृषि कानून वापस लेने का ऐलान कर दिया और टिकरी बॉर्डर पर जश्न शुरू हो गया।