किसान आंदोलन के बीच भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राज्यसभा में कई प्रमुख बातें कहीं उनका यह संबोधन केवल किसानों के आंदोलन पर आधारित नहीं था बल्कि उन्होंने अपने संबोधन के द्वारा कई क्षेत्रों को साधने की कोशिश भी की। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि कोरोना काल में भी किसानों ने रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन किया है। देश में खाद्यान्न का भंडार भरा रहा है, उन्होंने यह भी कहा कि कुछ समय के लिए बात कानूनों में सुधार तो होते ही हैं। आंदोलनकारियों को समझाने के लिए विपक्ष का सहयोग भी मिलना चाहिए।
संकट काल में भारत का आत्मविश्वास रहा जीवंत : पीएम मोदी
प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में कहा, “श्रमजीवी बुद्धिजीवियों के बीच एक नई जमात का नाम है आंदोलनजीवी, चाहे छात्रों का आंदोलन हो या किसानों को यह कोई और ये हर स्थान पर पहुंच जाते हैं यह आंदोलनजीवी के लोगों को गुमराह करने का काम करते हैं। कोरोना काल में भारत ने मानवता को बचाने का काम किया है। दुनिया के किसी भी अस्पताल के ऑपरेशन थियेटर में जब मरीज डॉक्टरों की भीड़ में किसी भारतीय को देखता है तो उसका हौसला बढ़ जाता है। यही आत्मविश्वास भारत ने इतने वर्षों में कमाया है। केंद्र और राज्यों ने मिलकर देश को यहां तक पहुंचाया है। कोरोना काल में आए संकट को अवसर में बदलने का काम दोनों ने मिलकर किया है।”
उन्होंने कहा, “पूरी दुनिया के लोग कोरोना काल में निवेश को तरस रहे हैं। भारत में ऐसा नहीं है। वहीं दुनिया भारत को डबल डीजिट की तरफ बढ़ते देख रही है। आज भारत में दुनिया के दूसरे सबसे अधिक इंटरनेट यूजर्स हैं। कुछ समय पहले डिजिटाइलेजशन को लेकर सवाल उठते थे। आज नजारा सभी के सामने है। आने वाले समय में भी हम आगे बढ़ रहे हैं। जल थल और नभ में भी हम आगे बढ़ रहे हैं।”
प्रधानमंत्री मोदी ने कांग्रेस की सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “मनमोहन सिंह ने किसान को अपनी फसल को कहीं भी बेचने की अधिकार देने की बात कही थी। इसीलिए विपक्ष को इस बात पर गर्व होना चाहिए कि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की इस बात को सरकार को मानना पड़ा है। दूध के क्षेत्र में एक ऐसी सप्लाई चैन बनी है जो बेहद मजबूत है और इसका लाभ लोगों को मिल भी रहा है।”