पीएम मोदी ने किया देश को संबोधित, बोले “हम भगत सिंह भले ही ना बन पाए लेकिन उनके पद चिन्हों पर चलने की कोशिश करेंगे”

आज प्रधानमंत्री मोदी ने 69 वीं बार मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया इस दौरान उन्होंने संक्रमण से बचाव के लिए पूरी सावधानी रखने को कहा और साथ ही साथ लाल बहादुर शास्त्री जयप्रकाश नारायण, राजमाता सिंधिया और भगत सिंह को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

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रविवार सुबह प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देश को संबोधित किया। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में बहुत सारी प्रमुख बातों का जिक्र किया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कृषि बिलों से उनका नुकसान नहीं है फायदा होगा उन्हें जहां ज्यादा कीमत मिलेगी वह वहां अपनी फसल भेज सकेंगे। आखिर में महात्मा गांधी, लाल बहादुर शास्त्री जयप्रकाश नारायण और राजमाता सिंधिया के योगदान को याद किया इन सभी हस्तियों का अगले महीने जन्मदिन भी है। इसके अलावा उन्होंने शहीद ए आजम भगत सिंह को भी नमन किया, जिनका कल जन्मदिन है। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा हमारे यहां कहा जाता है कि जमीन से जुड़े व्यक्ति बड़े से बड़े तूफान में अधिक रहता है और उनके संकटकाल में किसानों को ने अपना दमखम दिखाया है यह मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नई भी मजबूत होगी। मुझे कई किसानों किसान संगठनों की चिट्ठी मिलती रहती हैं कि किस तरह से खेती में बदलाव आ रहे हैं?

हरियाणा के किसान कवर चौहान ने बताया कि उन्हें मंडियों से बाहर फल सब्जी बेचने में दिक्कत आती थी। गाड़ियां जप्त हो जाती थी। 2014 में MSP एक्ट में बदलाव हुए उन्होंने समूह बनाया अब उनकी चीजें फाइव स्टार होटलों में सप्लाई हो रही है ढाई से तीन करोड़ सालाना कमा रहे हैं यही ताकत देश के दूसरे किसानों की ताकत है। प्रधानमंत्री ने कहा गेहूं धान गन्ना या किसी भी फसल को यहां मर्जी हो वह बेचने की ताकत मिल गई है। पुणे, मुंबई में किसान साप्ताहिक बाजार को चला रहे हैं। इसका सीधा लाभ है किसानो मिलेगा। बिल से किसानों को फायदा होगा जहां अच्छे दाम मिलेंगे किसान वही अपनी फल सब्जियां बेज सकेगा।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ” 1990 में जलियांवाला हत्याकांड के बाद एक बच्चा वहाँ गया। बच्चा स्तब्ध था कि कोई ऐसे कैसे कर सकता है? उसने अंग्रेजी साम्राज्य को उखाड़ फेंकने की कसम खाई। वह बच्चा महान शहीद क्रांतिकारी भगत सिंह थे। कल 28 सितंबर को उनकी जयंती है। भगत सिंह और उनके साथियों जिन्होंने इस कार्य को अंजाम दिया उनका आजादी की लड़ाई में अहम योगदान है। चंद्रशेखर आजाद, राजगुरु सुखदेव जैसे कई क्रांतिकारियों का एक ही मकसद था भारत को आजाद कराना। हम भले ही भगत सिंह न बन पाएं !..लेकिन उनके पद चिन्हों पर चलने की कोशिश कर सकते हैं। 4 साल पहले सितंबर में भारत ने पीओके में जाकर सर्जिकल स्ट्राइक की थी। हमारे जवानों ने अपने प्राणों की परवाह किए बिना अदम्य साहस का परिचय दिया था। “

पीएम मोदी ने कहा, ” आने वाले महीने में हम कई महान विभूतियों की जयंती मनाएंगे। 2 अक्टूबर को महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती है। बापू के आर्थिक चिंतन में भारत की नस नस की समझ थी उनका जीवन यही बताता है कि हमारा कार्य ऐसा हो कि गरीब से गरीब व्यक्ति का भी भला हो सके। शास्त्री जी का जीवन विनम्रता और सादगी का संदेश देता है 11 अक्टूबर को जयप्रकाश नारायण और नानाजी देशमुख का जन्मदिन है। जब जेपी भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन कर रहे थे, तब पटना में उन पर हमला हुआ है जिसे नाना जी ने अपने ऊपर ले लिया। 12 अक्टूबर को राजमाता विजय राजे सिंधिया का जन्मदिन है। राजपरिवार की होने के बावजूद उन्होंने अपना जीवन लोगों को समर्पित किया।”

Image Source: Tweeted by @BJP4India

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