26 जनवरी को देश की राजधानी दिल्ली में हुई घटना के बाद केंद्र सरकार लगातार इस मामले में कड़े कदम उठा रही है कुछ समय पहले ही केंद्र सरकार ने ट्विटर को यह निर्देश दिए थे कि ऐसे ट्विटर अकाउंट जो देश में आपत्तिजनक कंटेंट को फैलाने की कोशिश कर रहे हैं या जिन्होंने 26 जनवरी के दौरान इस तरह का कार्य किया है उनके अकाउंट को परमानेंट सस्पेंड कर दिया जाए। न्यूज़ एजेंसी के अनुसार सरकार ने दो दिन पहले ही ट्विटर से 1178 खालिस्तानी और पाकिस्तानी समर्थक ट्विटर अकाउंट को परमानेंट सस्पेंड करने की बात कही थी।
सरकार का कहना है कि इन अकाउंट के जरिए सरकार के खिलाफ गलत जानकारियां देश में फैलाई जा रही है। ट्विटर ने दैनिक भास्कर को बताया कि पिछले 10 दिनों में मिनिस्ट्री ऑफ़ इलेक्ट्रॉनिक और आई टी की ओर से कई आदेश दिए गए थे। जिसमे विवादित ट्विटर अकाउंट को ब्लॉक करने की बाट भी कही गयी थी। इससे पहले कई विदेशी हस्तियों ने भी भारत के आंतरिक मामलों में दखल देनी कोशिश की थी।
सरकार के द्वारा आईटी एक्ट की धारा 69A के तहत ट्विटर को ये आदेश दिया गया।इसका उलघन्न करने पर 7 वर्ष का कारावास भी हो सकता है। नोटिस में पहले ही यह साफ कर दिया गया था कि अगर ट्विटर इस पूरे मामले पर कोई एक्शन नहीं लेता है तो सरकार ट्विटर पर कानूनी कार्रवाई करेगी। ट्विटर के द्वारा जो नए अकाउंट पर यह कार्रवाई की गई है उनके बारे में कंपनी का कहना है कि यह सब भी अकाउंट कंपनी के कानूनों का वायलेशन कर रहे हैं।