कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर से लोगों को बचाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें निरंतर प्रयास कर रही हैं। संक्रमण की दूसरी लहर के दौरान जिस तरह देश में ऑक्सीजन के लिए हाहाकार मचा था वह लोगों को हमेशा याद रहेगा। लेकिन कहा जाता है कि आवश्यकता ही आविष्कार की जननी होती है। उस समय लगातार सरकार के प्रयासों के बाद भी बहुत सारे लोगों की जान ऑक्सीजन की कमी के कारण चली गई थी। लेकिन वर्तमान समय में डॉ. रामेंद्र लाल मुखर्जी, जो एक वैज्ञानिक है और लगातार नए नए तरह के उपकरणों को बनाते रहते हैं। उन्होंने एक बैटरी से चलने वाला पॉकेट वेंटिलेटर तैयार किया है, जो किसी मरीज को तुरंत राहत दे सकता है। ये आसानी से काम करता है और सस्ता भी है, ऐसे में अगर किसी मरीज को सांस लेने में तकलीफ होती है उसके लिए ये लाभदायक हो सकता है।
डॉ. मुखर्जी का कहना है कि कोरोना संकट के बीच मेरा ऑक्सीजन लेवल 88 तक पहुंच गया था, तब मेरा परिवार मुझे अस्पताल ले जाना चाहता था। मैं संकट से बाहर आ गया, लेकिन इसके बाद मेरे दिमाग में मरीजों की मदद करने के लिए आइडिया आया। ठीक होने के बाद उन्होंने इसपर काम भी शुरू कर दिया और 20 दिनों में ये तैयार हो गया।
ऑक्सीजन की कमी को समाप्त करेगा पॉकेट वेंटिलेटर
आपको बता दें इस डिवाइस में दो यूनिट हैं पावर और वेंटिलेटर जो कि मास्क से अटैच है। एक बटन दबाते ही वेंटिलेटर काम करना शुरू कर देता है और साफ हवा को मरीज तक पहुंचाता है। डॉक्टर मुखर्जी के अनुसार अगर किसी मरीज को कोविड है तो यूवी फिल्टर वायरस मारने में मदद करता है और हवा की सफाई करता है। इस वेंटिलेटर की मदद से वायरस कम फैलेगा, मरीजों-डॉक्टरों को राहत मिलेगी। उन्होंने ये भी दावा किया कि ब्लैक फंगस के मामले जब बढ़ रहे हैं, तब ऐसे वक्त में ये मरीजों के लिए मददगार हो सकता है।