स्मार्टफोन पर UPI से करते हैं पेमेंट तो रहें सावधान, जरा सी गलती से बैंक अकाउंट हो सकता है खाली

0
379

पिछले कुछ साल में डिजिटल पेमेंट का उपयोग अधिक बड़ा है। एक तरफ जहां हर बैंक अपनी नेट बैंकिंग और वॉलेट की सर्विस देता है वहीं, कुछ प्राइवेट प्लेयर्स भी इसमें हैं। ऐसा ही एक तरीका UPI या यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस भी है। NEFT, IMPS, मोबाइल वॉलेट और अन्य तरीकों की तुलना में डिजिटल सेगमेंट में UPI की एंट्री बेशक बाद में हुई है लेकिन, UPI ने कम समय में काफी तेजी से लोकप्रियता हासिल की है। खासकर लॉकडाउन के दौरान आम जन के लिए UPI पेमेंट काफी अच्छा विकल्प रहा है। छोटे दुकानदारों को भी इससे पेमेंट करने में आसानी हुई है।

UPI से भुगतान करने वाले यूजर्स की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच चुकी है. लेकिन, डिजिटल इकोनॉमी में जैसे भुगतान के तरीके विकसित हुए हैं. वैसे ही फ्रॉड का खतरा भी लगातार बढ़ा है. फ्रॉड करने वाले भी आपको फंसाने के नए नये पैंतरे अपनाते हैं। जरा सी चूक और आपकी कमाई एक झटके में साफ हो जाती है इसलिए जरूरी है कि फ्रॉड से अलर्ट रहें और समय-समय पर खुद इन फ्रॉड से बचाने के लिए अपडेट रखें।

पब्लिक और प्राइवेट सेक्टर बैंकों ने अपने ग्राहकों को अलर्ट करना शुरू कर दिया है। बैंक लगातार अपने ग्राहकों को ई-मेल और SMS के जरिए अलर्ट करते रहते है। साथ ही फर्जीवाड़े से बचने के लिए कॉल या मैसेज के माध्यम सेफ़्टी टिप्स भी देते है। HDFC बैंक, SBI, Bob बैंक और ICICI बैंक अपने ग्राहकों को ई-मेल भेजकर अलर्ट कर रहे हैं।

धोखेबाज मांगते हैं डीटेल्स

बैंक की तरफ से भेजे गए मेल में बताया गया है कि धोखेबाज ग्राहकों से बैंक एग्जिक्यूटिव के नाम पर डेबिट कार्ड और दूसरी डीटेल्स मांगते हैं। वहीं, एक टेक्स्ट मैसेज फॉरवर्ड किया जाता है। UPI रजिस्ट्रेशन और वन-टाइम पासवर्ड (OTP) तक मांगा जाता है। इसके बाद धोखेबाज इन डीटेल्स की मदद से एक वर्चुअल पेमेंट एड्रेस (VPA) बनाते हैं। इसके बाद एक मैसेज के जरिए दूसरा लिंक भेजा जाता है। धोखाधड़ी के लिए आपसे AnyDesk ऐप डाउनलोड करने को कहा जाता है। साथ ही 9 अंकों का कोड मांगा जाता है। इसके बाद वह आपके फोन को ऑपरेट कर सकते हैं।

फ्रॉड के लिए सबसे ज्यादा इस्तेमाल AnyDesk ऐप का होता है। यह एक कानूनी ऐप है, जो रिमोट डेस्कटॉप सॉफ्टवेयर टूल है। इसे यूजर के स्क्रीन को देखने के लिए थर्ड पार्टी को एक्सेस दिया जाता है। धोखेबाज भी इसकी मदद से ही ग्राहकों को फोन तक पहुंचते हैं और फिर बैंक अकाउंट जैसी जरूरी डीटेल्स चुरा लेते हैं। HDFC बैंक ने इस ऐप को लेकर एडवाइजरी भी जारी कर रखी है।

UPI धोखाधड़ी रोकने के लिए आपको इन बातों का विषेश ध्यान रखना है-

कभी भी डेबिट कार्ड नंबर, एक्सपायरी डेट, रजिस्ट्रेशन, ओटीपी जैसी जरूरी डीटेल्स किसी से भी शेयर न करें।

SBI, HDFC, ICICI बैंक ने साफ किया है कि बैंक ऐसी कोई भी डीटेल्स अपने ग्राहकों से नहीं पूछता है।

SMS से आए किसी भी अनऑफिशियल लिंक पर क्लिक न करें। साथ ही ऐसे किसी भी SMS को फॉरवर्ड न करें।

UPI MPIN को किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।

वैसे बैंकों के अलावा IRDAI और EPFO के नाम से भी SMS आ सकता है। लेकिन ये भी ऐसे कोई मैसेज नहीं भेजते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here