देश में ऑक्सीजन की किल्लत थमने का नाम नहीं ले रही थी। अभी भी दिल्ली के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी हो रही है। वहीं दूसरी तरफ बहुत सारे लोग फ्री में ऑक्सीजन उपलब्ध करा रहे हैं, तो कुछ लोग इसी ऑक्सीजन की कालाबाजारी भी कर रहे हैं। नोएडा के आसपास और नोएडा में रहने वाले लोगों को ऑक्सीजन की आवश्यकता पड़ने पर किसी भी प्रकार की कोई समस्या ना हो इसीलिए नोएडा को पांच भागों में बांट दिया गया है। इन पांच हिस्सों में तीन प्राधिकरण और दो निकायों की जिम्मेदारी होगी कि समय से ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराए। बड़ा ऑक्सीजन सिलेंडर (डी टाइप) 500 रुपये का होगा, जबकि छोटा सिलेंडर 200 रुपये होगा। जिले में होम आइसोलेशन में चार हजार संक्रमित हैं।
डीएम सुहास एलवाई ने अपने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि क्षेत्रों में अधिक से अधिक केंद्र स्थापित किये जाए। चिन्हित स्थल का नाम और गूगल पर उसकी जानकारी देनी होगी। सभी विभागों की जिम्मेदारी होगी कि अधिक से अधिक कर्मियों को लगाकर व्यवस्था सुनिश्चित कराएं।
डीएम ने निर्देशित किया है कि संबंधित प्राधिकरण व निकाय मारुति कारबोनिक्स ग्रेटर नोएडा से अपना ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध कराएंगे। आईनॉक्स ग्रेनो के मैनेजर प्रतिदिन यह तय करेंगे कि तय लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन मारुति कारबोनिक्स को उपलब्ध कराएं।
प्राधिकरण-निकायों को सौंपी जिम्मेदारी
- नोएडा क्षेत्र- नोएडा प्राधिकरण
- ग्रेटर नोएडा क्षेत्र- ग्रेनो प्राधिकरण
- यमुना प्राधिकरण क्षेत्र- यमुना एक्सप्रेस वे प्राधिकरण
- नगरपालिका दादरी क्षेत्र- ईओ, नपा दादरी
- नगर पंचायत जेवर- ईओ, नगर पंचायत जेवर
ऑक्सीजन पाने के लिए निम्न दस्तावेज अपने साथ लेकर जाएं
- आधार कार्ड की फोटोकॉपी
- डॉक्टर द्वारा जारी दवाई की पर्ची
- ऑक्सीजन सैचुरेशन लेवल रिपोर्ट
- कोरोना टेस्ट रिपोर्ट