देश में कोरोना का रूप भयानक हो रहा है। देश के कई राज्य वायरस की सुनामी कि चपेट में आ चुके है। अस्पतालो में बेड्स की कमी, ऑक्सीजन की कमी के कारण मरीजो की मौत का आंकड़ा भी लगातार बढ़ रहा है। इसी बीच ब्रिटेन ने कहा कि वह कोविड-19 के खिलाफ भारत की जंग में महत्वपूर्ण ऑक्सीजन उपकरण भारत भेजेगा। जिसमें तथाकथित “ऑक्सीजन फैक्टरी भी शामिल है” जो प्रति मिनट उच्च स्तर पर ऑक्सीजन के उत्पादन में सक्षम हैं। उत्तरी ऑयरलैंड के अतिरिक्त भंडार से तीन ऑक्सीजन उत्पादन इकाइयां भारत भेजी जाएंगी, जिनमें से प्रत्येक प्रति मिनट 500 लीटर ऑक्सीजन के उत्पादन में सक्षम है। जो एक बार में 50 लोगों के इस्तेमाल के लिए पर्याप्त है।
एक शिपिंग कंटेनर के आकार के ये छोटे कारखाने भारतीय अस्पतालों में ऑक्सीजन की व्यापक मांग को कुछ हद तक पूरा कर पाएंगे। भारत में महामारी की विनाशकारी दूसरी लहर के दौरान ऑक्सीजन मुख्य जरूरतों में से एक बन गया है। ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री मैट हैनकॉक ने संवाददाताओं से कहा हम सबने भारत में क्या हो रहा है उसकी भयावह तस्वीरें देखी है। जिस किसी ने भी वो तस्वीरें देखीं हैं उन सभी को इससे दुख हुआ। उन्होंने कहा भारत इस बात की याद दिलाता है कि महामारी अभी खत्म नहीं हुई है और यह इस बात का संकेत है कि हमें सतर्क रहने की जरूरत है।
ब्रिटेन लगातार कर रहा है भारत की मदद
भारत में कोरोना वायरस की दूसरी लहर का जिक्र करते हुए ब्रिटिश पीएम बोरिस जॉनसन के प्रवक्ता डाउनिंग स्ट्रीट ने कहा कि “हमारी तरफ से भारत को 495 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर्स, 120 नॉन-इनवेजिव वेंटिलेटर्स और 20 मैन्युअल वेंटिलेटर्स की सप्लाई की जा रही है।” अभी तक ब्रिटेन से 95 ऑक्सीजन कन्सनट्रेटर्स और 100 वेटिंलेटर्स की पहली खेप दिल्ली पहुंच गई है।
सऊदी अरब भी कर रहा है मदद
सऊदी अरब से 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन लायी जा रही है। ऑक्सीजन को भेजने का काम अडानी समूह और लिडे कंपनी के सहयोग से हो रहा है। रियाद सितशित भारतीय मिशन ने ट्वीट किया की “भारतीय दूतावास को अति आवश्यक 80 मीट्रिक टन ऑक्सीजन भेजने के मामले में अडानी समूह, एम एस लिडे के साथ साझेदारी करने पर गर्व है। हम सऊदी अरब के स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी तरह की मदद समर्थन और सहयोग के लिए धन्यवाद देते है।”