जनसंख्या की दृष्टि से उत्तर प्रदेश भारत का सबसे बड़ा राज्य है। सम्पूर्ण भारत की राजनीति इसी राज्य से निर्धारित होती है। देश के प्रधानमंत्री की कुर्सी पर कौन बैठेगा इसके निर्णय में उत्तर प्रदेश की जनता का अहम योगदान होता है। 2 लाख चालीस हजार वर्ग किलोमीटर में फैले इस राज्य की जनसंख्या तक़रीबन 20 करोड़ है। यही कारण है कि प्रत्येक राजनीतिक पार्टी की नजर इस राज्य के वोट बैंक पर टिकी रहती है। भले ही ये राज्य देश की सत्ता किसके हाथ मे रहेगी इसका निर्णय लेता है लेकिन आजादी के 73 साल बाद भी आज तक उत्तर प्रदेश अपने भाग्य पर रोता नजर आया है। आज़ादी के बाद से इन 73 सालो में बम्बई बदलकर मुम्बई हो गया…कलकत्ता बदलकर कोलकाता हो गया…मद्रास बदलकर चेन्नई हो गया। लेकिन उत्तर प्रदेश आज भी अपनी बदहाल स्थिति में ही पड़ा हुआ है।
पूर्ववर्ती सरकारों ने सिर्फ वोटबैंक की तरह इस्तेमाल किया उत्तर प्रदेश को
सर्वाधिक लोकसभा सीटों वाला उत्तर प्रदेश हमेंशा से सत्ता प्रेमियों के लिये वोट बैंक की तरह काम करता रहा है। लेकिन इन राजनेताओं ने प्रदेश को विकास के मार्ग पर अग्रसर करने के बजाय हमेशा से जाति और धर्म के नाम पर बाँटने का ही काम किया है। जातिवाद फैलाकर सत्ता पाने वाली पार्टियां अपने वोट बैंक वाले लोगो को सह देकर हमेशा से राज्य में हिंसा और अराजकता का माहौल बनाने में लगी रहीं। अपराधियो और माफियाओं को सह देकर पूर्ववर्ती सरकारों ने उत्तर प्रदेश को दुनिया भर में गुंडों और माफियाओ के प्रदेश की संज्ञा दिलवा दी थी।
बेरोजगारी का आलम ये बन चुका था कि देश के किसी भी राज्य में ब्लॉक स्तर पर उत्तर प्रदेश के लोग काम करते मिल जाते हैं। यहाँ के लोग काम धंधे की तलाश में दूसरे राज्यों में जाकर भटकते रहते थे। साधारण परिवार के लोगों के पलायन और माफियाओं के अंधाधुन राज से उत्तर प्रदेश बद से बद्तर स्थिति में पहुँच चुका था। पूर्ववर्ती चाहे सपा सरकार रही हो अथवा बसपा सरकार, दोनों ही पार्टियों के सरंक्षण में प्रदेश में गुंडे माफियाओं के बोल बाला रहा है। यहाँ की पूर्ववर्ती सरकारें सिर्फ मूर्तियां बनवाने और परिवारवाद फैलाने में ही व्यस्त रही। प्रदेश अपना अस्तित्व खोता रहा और ये पार्टियां सिर्फ अपने वोटबैंक को ही तराशने में जुटी रहीं।
जमीन पर कब्जा, लूटपाट, हत्या, अपहरण ये शब्द प्रदेश वासियों के लिए काफी सामान्य से बन चुके थे। यहाँ तक की देश के अन्य राज्यों में भी उत्तर प्रदेश राज्य के साथ ही इन शब्दों को भी जोड़कर देखा जाने लगा था।
साल 2017 से बदल रही उत्तर प्रदेश की तस्वीर
लेकिन उत्तर प्रदेश में साल 2017 में बनी भाजपा सरकार के बाद यहाँ की तस्वीर बदली हुई नजर आ रही है। प्रदेश की योगी सरकार का ध्यान न सिर्फ उत्तर प्रदेश के सर्वांगीण विकास पर है बल्कि गुंडों माफियाओं पर नकेल कसने पर भी है। कहते हैं ना कि किसी भी राज्य में सीएम से बड़ा गुंडा कोई नही होता है। इस कहावत को सच साबित कर दिखाया है उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने। मुख़्तार अंसारी और अतीक अहमद जैसे माफिया, जो की पहले की सरकारों में संसद भवन तक आना जाना करते थे, आज अपना अस्तित्व बचाने के लिये संघर्ष करते दिख रहे हैं।
अवैध कब्ज़ा, अपहरण, हत्या, लूट आदि के दर्जनों आरोप लगने के बाद भी उत्तर प्रदेश की पूर्व सरकारें इन्हें अपने गोद मे बैठाकर रखती थी। लेकिन वर्तमान में उत्तर प्रदेश में सत्तासीन बीजेपी ने इनकी ऐसी नकेल कसी की अब इन्हें खुली हवा में साँस लेना भी दुश्वार हो गया। माफियाओं पर सख़्त एक्शन लेते हुए योगी सरकार अब तक सैकड़ो गुंडों और माफियाओं की सम्पति कुर्क कर के उन्हें जेल भेज चुकी है। जहाँ अराजकता और अपराध करने वालों के लिये योगी सरकार यमराज के तौर पर काम कर रही है।
हर क्षेत्र में हो रहा विकास
प्रदेश को विकास के पथ पर अग्रसर करने के लिए विश्व स्तरीय कंपनियों को प्रदेश में व्यापार स्थापित करने के लिए भी आमंत्रित कर रही हैं। शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में भी योगी सरकार ने सराहनीय काम किया है। कोरोना काल मे सबसे अधिक जनसंख्या वाले प्रदेश को इसके भयानक दुष्प्रभाव से बचाना एक बहुत बड़ी चुनौती थी। लेकिन योगी सरकार ने अपने एक्शन प्लान से जो इंतज़ाम किए वो चकित करने वाले रहे हैं। अब उत्तर प्रदेश का नाम दूसरी जगहों पर गुंडे और अराजकता फैलाने वाले लोगों की वज़ह से नहीं बल्कि योगी के विकास मॉडल के लिए लिया जाता है।
जहाँ पहले की सरकारें यहाँ की जनसंख्या संपदा का इस्तेमाल महज अपनी कुर्सी बचाने के लिये करती थीं, वहीं अब योगी सरकार इसे प्रदेश के विकास में शक्ति के रूप में इस्तेमाल कर रही है। कोरोना काल मे विश्वव्यापी लॉकडाउन के वक़्त भी उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने विभिन्न जगहों से लौट रहे प्रदेश के नागरिकों की ना सिर्फ सुरक्षित घर वापसी करवाई बल्कि उन्हें घर के पास ही रोजगार मुहैया कराकर दोबारा पलायन करने से भी रोकने में सफलता पायी है। जिसके लिये प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी सरकार को विश्व भर में सराहा गया।
यूपी मॉडल जल्द बनेगा देश के लिए विकास की नई परिभाषा
आज यूपी का नाम देश के सबसे तेज विकास कर रहे राज्यों की लिस्ट में शामिल है। अब ये राज्य गुंडों और माफियाओं का ठिकाना नहीं बल्कि उद्दोग और स्टार्टअप्स का ठिकाना बन रहा है। कभी भ्रष्टाचार और लूट की भेंट चढ़ रही यहाँ की सड़कें अब हाईवे में तब्दील होकर सरपट दौड़ती नजर आ रही हैं। कभी नौकरी की तलाश में यहाँ से पलायन करने वाले युवा आज खुद नौकरी पैदा कर के दुसरो को रोजगार के अवसर मुहैया करवा रहे हैं। वो दिन दूर नहीं जब उत्तर प्रदेश का नाम देश के सर्वाधिक विकसित राज्य के तौर पर लिया जाने लगेगा। क्योंकि यहाँ प्रतिभा भी है, मानव संसाधन भी है, अवसर भी हैं। यहाँ पर अब तक कमी थी सिर्फ ईमानदारी से और साफ नियत से काम करने वाली सरकार की, जो कमी अब पूरी होती दिख रही है।