एक बार फिर से प्याज के दाम आसमा छूने लगे हैं, मांग और आपूर्ति में अंतर से इसके भाव में तेजी आ गई है। भोपाल और इसके आसपास के जिलों में प्याज के दाम 60 से 70 रुपए प्रति किलो हैं। वहीं प्याज के थोक के रेट 40 से 55 रुपए किलो हैं। यही हाल अन्य सब्जियों का भी है।
प्याज के बढ़ रहे दामों को लेकर थोक व्यापारियों का कहना है कि प्याज के भाव देश में महाराष्ट्र की मंडियों के आधार पर तय होते हैं। नासिक मंडी और लासलगांव मंडी में भाव तेज हैं, इससे भाव बढ़ रहे हैं। बढ़ते दामों को देखते हुए प्याज की जमाखोरी रोकने के लिए पिछले दिनों जिला प्रशासन ने भंडारण क्षमता निर्धारित की थी। लेकिन दैनिक जागरण में छपी ख़बर के अनुसार इस आदेश के बाद हकीकत देखने कोई भी अधिकारी भंडार केंद्रों की चेकिंग नहीं कर रहे हैं। इसके कारण दामों में कोई कमी नहीं हो पा रही है।
उधर राज्य के खाद्य व नागरिक आपूर्ति मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का कहना है कि “राज्य सरकार दामों पर निगाह रख रही है। प्याज के दाम किसी स्थिति में 50 रुपए प्रति किग्रा से ज्यादा नहीं होने देंगे। बिचौलियों पर सख्त कार्रवाई होगी।”
अगर दिल्ली की बात करें तो यहाँ पिछले 7 दिनों में प्याज का रेट 45% बढ़ चुका है। 31 अक्टूबर को भाव 55 रुपए था, लेकिन अब प्याज की खुदरा कीमत 80 रुपए प्रति किलो पहुंच गई है। सूत्रों से पता चला है कि केंद्र सरकार बढ़ते प्याज के दामों में लगाम लगाने के लिए ईरान, अफगानिस्तान, इजिप्ट और तुर्की से आयात का फैसला लिया है।
उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक आला अधिकारी का कहना है कि अगले कुछ दिनों में रेट कम होने की उम्मीद है, क्योंकि महाराष्ट्र, राजस्थान और कर्नाटक में नई फसल की आवक शुरू हो चुकी है। दिल्ली में बफर स्टॉक से प्याज की उपलब्धता बढ़ाई जा रही है। मदर डेयरी के सफल आउटलेट पर 24.90 रुपए के रेट पर प्याज बेचा जा रहा है।