आज भारत के प्रथम स्वाधीनता संग्राम की उस प्रमुख नायिका का जन्मदिवस है जिनकी ताकत के बल पर अंग्रेज झांसी को हाथ भी नहीं लगा पाए थे । आज महारानी लक्ष्मी बाई का जन्म दिन है।भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर याद किया। प्रधानमंत्री मोदी ने ट्वीट कर लिखा, “आजादी की पहली लड़ाई में अद्भुत पराक्रम का परिचय देने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई के जयंती पर उनको कोटि कोटि नमन!… उनकी शौर्य गाथा देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणा स्रोत बनी रहेगी।”
आजादी की पहली लड़ाई में अद्भुत पराक्रम का परिचय देने वाली वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई को उनकी जयंती पर कोटि-कोटि नमन। उनकी शौर्यगाथा देशवासियों के लिए हमेशा प्रेरणास्रोत बनी रहेगी।
— Narendra Modi (@narendramodi) November 19, 2020
भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर लिखा, ” रानी लक्ष्मीबाई ने अपने अद्भुत शौर्य व पराक्रम से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाकर भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा। उनके बलिदान व वीर गाथाओं से आज भी समस्त भारतवर्ष में देशभक्ति की भावना जग उठती है।
1857 की क्रांति की महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर उन्हें नमन।”
रानी लक्ष्मीबाई ने अपने अद्भुत शौर्य व पराक्रम से अंग्रेजी हुकूमत की नींव हिलाकर भारतीय इतिहास में एक स्वर्णिम अध्याय लिखा। उनके बलिदान व वीर गाथाओं से आज भी समस्त भारतवर्ष में देशभक्ति की भावना जग उठती है।
1857 की क्रांति की महान वीरांगना रानी लक्ष्मीबाई की जयंती पर उन्हें नमन। pic.twitter.com/L4G54MJ5CA
— Amit Shah (@AmitShah) November 19, 2020
वहीं भारत के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रानी लक्ष्मीबाई को उनके जन्मदिवस पर याद करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और ट्वीट कर लिखा, ” रानी लक्ष्मीबाई भारतीय भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर सेनानी है जिनके शौर्य साहस और पराक्रम को यह देश कभी नहीं भुला सकता… भारत की आने वाली पीढ़ियां भी उनकी वीरता तथा बलिदान से प्रेरणा लेती रहेंगी, आज उनकी जयंती के अवसर पर मैं उन्हें स्मरण तथा नमन करता हूं!.. ”
रानी लक्ष्मीबाई भारतीय स्वाधीनता संग्राम की वह अमर सेनानी हैं जिनके शौर्य, साहस और पराक्रम को यह देश कभी भुला नहीं सकता।
भारत की आने वाली पीढ़ियाँ भी उनकी वीरता एवं बलिदान से प्रेरणा लेती रहेंगी। आज उनकी जयंती के अवसर पर मैं उन्हें स्मरण एवं नमन करता हूँ।
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) November 19, 2020
महारानी लक्ष्मीबाई भारत के उन क्रांतिकारियों में से एक थे जिन्होंने अपने प्राणों का बलिदान देते हुए भारत की एकता और अखंडता को बचाने का प्रयास किया था। महारानी लक्ष्मी बाई का जन्म सन 1828 में वाराणसी में हुआ था। वह एक मराठी ब्राह्मण परिवार से ताल्लुक रखती थी और उनका बचपन का नाम मणिकर्णिका था। केवल 30 साल की उम्र में उन्होंने अंग्रेजों से लड़ाई लड़ते हुए अपने प्राणों का उत्सर्ग कर दिया और यह बता दिया कि महिलाएं भारत की सुरक्षा के लिए पर अपने आत्मसम्मान की रक्षा के लिए किसी से भी युद्ध लड़ सकती हैं।
Image Source: Tweeted by @BJP4India