नई दिल्ली | कोरोना वायरस के प्रकोप ने आर्थिक नुकसान के साथ ही छात्रों की पढ़ाई पर भी गम्भीर असर डाला है। इस दौरान अधिकतर कॉलेजों ने छात्रों की पढ़ाई के लिए ऑनलाइन क्लॉस चलाने का भी का शुरू किया है। अब कोरोना के संकट से भले ही अगले कुछ दिनों में राहत मिलने की उम्मीद जताई जा रही है, लेकिन इस दौर में शुरु हुई ऑनलाइन पढ़ाई की रफ्तार थमने वाली नहीं है। विश्वविद्यालयों और दूसरे उच्च शिक्षण संस्थानों में इसे लेकर एक बड़ी योजना पर काम चल रहा है।
इसके तहत कोरोना संकट खत्म होने के बाद भी नए शैक्षणिक सत्र से छात्रों को 25 फीसद कोर्स ऑनलाइन माध्यम से पढ़ाया जाएगा। साथ ही सभी विश्वविद्यालय को अब अपने-अपने मोबाइल एप भी बनाने होंगे। ताकि छात्रों को उसके जरिए जरूरी अध्ययन सामग्री उपलब्ध कराई जा सके। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने हाल ही में ऑनलाइन शिक्षा को लेकर गठित उच्च स्तरीय कमेटी के सुझाव के बाद इस दिशा में तेजी से काम शुरु कर दिया है। इसके तहत सभी विश्वविद्यालयों को एक प्रोग्राम चलाने का भी सुझाव दिया है। साथ ही सभी विश्वविद्यालयों से ऐसे पाठ्यक्रम को चयन करने की भी सलाह दी है।
वहीं आने वाले दिनों में ऑनलाइन पाठ्यक्रम का यह औसत बढ़ाने का भी प्रस्ताव किया है। यूजीसी से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक कोरोना संकट काल में ऑनलाइन पढ़ाई को लेकर जिन-जिन चुनौतियों का सामना करना पड़ा है, अब उन सभी क्षेत्रों पर पूरी ताकत के साथ काम किया जा रहा है। इसके अलावा कोरोना के चलते प्रभावित हुई पढ़ाई को समय पर पूरा कराने के लिए ज्यादा कक्षाएं भी आयोजित करने का भी सुझाव है।