अब आर्युवेद की चर्चित दवाई से भी होगा कोरोना का इलाज

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आर्युवेद चिकित्सा दुनिया की सबसे पुरानी समग्र चिकित्सा प्रणालियों में से एक है। इसी बीच आर्युवेद पर हम आपको बताने जा रहे है कुछ बेहद नयी बातें। देश में कोविड के चलते आयुष विषयों यानी परम्परागत उपचार प्रणालियों में शोध सस्कृति को बढ़ावा दिया गया हैं। ठोस उपचार के लिए साक्ष्य आधारित अध्ययन के लिए अनुसंधान कार्य भी तेज हुए हैं ताकि एलोपैथी की तरह आयुर्वेद को भी तरजीह दी जाए।

तमिलनाडु की पाँच हजार साल पुरानी सिद्धा उपचार प्रणाली का कबसुर काढ़ा कोरोना (COVID-19) उपचार की अचूक औषधि बताई गयीं है। अब इसे वैज्ञानिक तरीके से स्थापित करने की पहल चल रही है। इसी तरह आयुर्वेद में तमाम ऐसी अचूक औषधियाँ हैं जो एलोपैथी की तरह सुर्खियों में नही बन सकी है। इसको लेकर अब देश के कई राज्यो की सरकारे, आयुष संस्थानो और विभागों ने क्लिनिकल मान्यता के लिए कमर कस ली हैं।

1 मार्च से 25 जून तक आर्युवेद उपायो में कोरोना (COVID19) के पंजीकृत परीक्षण में भारत के नैदानिक परिक्षण रजिस्ट्री (सी टी आर आई) पर गहन खोज की गयी है । वरिष्ठ डॉ के एन पांडेय का कहना है कि कोरोना पर फिफ़ाट्रोल का ट्रायल करके आर्युवेद उपचार पर काम करने की योजना है। इस अवधि के दौरान आर्युवेद में पंजीकृत नऐ परीक्षणों की संख्या 58 से अधिक थी।

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