भारत सरकार और ट्विटर के बीच विवाद कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। ट्विटर लगातार भारत सरकार के नेताओं के अकाउंट के साथ खिलवाड़ कर देश की सरकार को खुली चुनौती देने में लगा है। पिछले कुछ समय में जिस तरह से नए IT रूल्स को लेकर ट्विटर और भारत सरकार के बीच जो कुछ भी घटा उसके बाद एक बात तो स्पष्ट हो गयी है कि सरकार और ट्विटर के बीच एक तरह का वॉर चल रहा है। ट्विटर भी भारत सरकार के साथ खेल खेल रहा है। हाल ही में ट्विटर की तरफ से उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का अकाउंट अचानक अनवेरीफाइड कर दिया गया। जब इस मामले पर विवाद बढ़ा तो ट्विटर की तरफ से कुछ तकनीकी खामी का हवाला देते हुए उपराष्ट्रपति का अकाउंट फिर से रिस्टोर कर दिया गया। लेकिन अब सवाल ये है कि भारत सरकार ट्विटर के खिलाफ इस जंग का अंत कैसे करती है? क्या अब सही समय आ गया है कि भारत अपने Koo App को जनता के सामने लाये?
ट्विटर को दी चेतावनी
उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू के अकाउंट के साथ हुए इस विवाद के बाद भारत सरकार ने फिलहाल तो कड़ा रुख अपना लिया है। केन्द्र सरकार द्वारा पेश किए गए नए आईटी नियमों को ठीक तरह से लागू न करने को लेकर सरकार ने ट्विटर को नोटिस भेजा है और इस पर तुरंत कार्रवाई करने को कहा है। एक तरह से सरकार ने ट्विटर को आखिरी चेतावनी दे दी है। लेकिन ये प्रक्रिया पिछले काफी समय से जारी है। चेतावनी का अर्थ ट्विटर को किस तरह से समझ आता है इसका जवाब फिलहाल शायद किसी के पास नहीं है।
विदेशों से सीखें भारत सरकार
भारत सरकार पहली ऐसी सरकार नहीं है जिसके साथ ट्विटर ने विवाद शुरू किया हो। ट्विटर बनाम सरकार भारत के अलावा फ्रांस, पाकिस्तान, इजरायल, रूस, साउथ कोरिया, तुर्की जैसे देशों में भी हो चुका है। लेकिन भारत और अन्य देशों में अंतर ये रहा कि विदेशों ने ट्विटर के खिलाफ तुरंत एक्शन लेते हुए अपने देशों में बैन कर दिया। इजराइल, रूस, चीन, नाइजीरिया जैसे देशों में ट्विटर पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
Koo App का सही समय
ट्विटर की इस तरह की गतिविधियों के बाद अब शायद समय आ गया है कि भारत ट्विटर की तरह ही काम करने वाले अपने आधिकारिक एप koo को राष्ट्र पटल पर लोगों के सामने रखे। ट्विटर पर बैन लगाकर भारत सरकार IT सेक्टर को एक कड़ा संदेश दे सकती है। देश की तमाम बड़ी पार्टियों के नेता अब Koo App पर अपने ऑफिशियल अकाउंट बना रहे हैं। आम जन भी इस माइक्रो-ब्लॉगिंग एप पर काफी एक्टिव हैं। ऐसे में इस माइक्रो-ब्लॉगिंग एप को भारत ट्विटर और IT सेक्टर के खिलाफ अपने सबसे बड़े हथियार के तौर पर इस्तेमाल कर सकती है।