प्रयागराज । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने प्राइवेट एविएशन कंपनी पंख एविएशन के हेलीकॉप्टरों को नीलाम करने पर रोक लगा दी है। इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने हेलीकॉप्टर नीलाम करने का आदेश जारी किया था। यह आदेश न्यायमूर्ति सुधीर अग्रवाल व न्यायमूर्ति राजीव मिश्र की खंडपीठ ने दिया। याची कंपनी का पक्ष रख रहे वरिष्ठ अधिवक्ता विजय गौतम का कहना था कि पंख एविएशन ने 2008 में प्रदेश सरकार से करार कर मेरठ के परतापुर हवाई अड्डे पट्टी को छह साल प्रशिक्षण देने के लिए लीज पर लिया था। इस संबंध में बैंक गारंटी जमा कर दी, फिर 2013 में लीज खत्म होने पर इसे पांच साल के लिए बढ़ाया गया।
कंपनी ने पैसा जमा कर दिया था, लेकिन फिर भी उसे हवाई पट्टी से उड़ान की अनुमति नहीं दी गई। इस वजह से उसके दोनों हेलीकॉप्टर हवाई पट्टी पर रखे-रखे खराब हो गए। इसके बाद साल 2019 में प्रदेश सरकार ने अनुबंध खारिज करते हुए याची कंपनी पर रिकवरी निकाल दी तथा 20 फरवरी 2020 को जिला मजिस्ट्रेट व प्रभारी अधिकारी हवाई पट्टी मेरठ में नोटिस जारी करके तीन दिन में हेलीकॉप्टर हटाने का आदेश दिया। ऐसा न करने पर हेलीकॉप्टर नीलाम करके सरकार द्वारा पैसा वसूलने की चेतावनी दे दी गई।
इस बाबत उत्तर प्रदेश सरकार के इस आदेश को पंख एविएशन द्वारा हाईकोर्ट में चुनौती दे दी गई है। इलाहाबद हाईकोर्ट ने संबंधित पक्षों को तीन सप्ताह का समय देते हुए जवाब दाखिल करने के लिए कहा है। साथ ही जिलाधिकारी के 20 फरवरी 2020 के आदेश पर रोक लगाते हुए प्रदेश सरकार, नागरिक उड्डयन विभाग से जवाब तलब किया है।
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