आप सभी जानते हैं कि 34 वर्षों बाद भारत में नई शिक्षा नीति लागू कर दी गई है। जिसमें बहुत बड़े परिवर्तन किए गए हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने आज ही कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए इस नई शिक्षा नीति के बारे में कई अहम बातें कहीं। प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में इस नई शिक्षा नीति के क्या लाभ हैं, यह बताया और यह भी बताया कि इससे भारतीय विद्यार्थियों के लिए कौन से नए रास्ते तैयार होंगे? प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बताया कि हमने तीन-चार वर्षों तक चिंतन और मनन करने के पश्चात बहुत सारे लोगों के सुझावों को समझने के पश्चात इस शिक्षा नीति को लागू किया है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि खुशी की बात यह है कि नई शिक्षा नीति लागू होने के बाद किसी भी वर्ग और किसी भी व्यक्ति को इस से कोई समस्या नहीं है। कुछ लोगों के मन में ये सवाल आना स्वभाविक है कि इतना बड़ा सुधार कागजों पर तो कर दिया गया लेकिन इसे जमीन पर कैसे उतारा जाएगा यानी अब सबकी निगाहें इसके लागू होने की तरफ हैं। प्रधानमंत्री ने कहा कि शिक्षा नीति में किसी के साथ भी किसी प्रकार का कोई भेदभाव नहीं किया गया है।
PM Modi's inaugural address at 'Conclave on Transformational Reforms in Higher Education under National Education Policy'. https://t.co/3J7aoJ2EMr
— BJP (@BJP4India) August 7, 2020
आज देशभर में इसकी व्यापक चर्चा हो रही है। अलग-अलग क्षेत्र के लोग, अलग-अलग विचारधाराओं के लोग अपने विचार दे रहे हैं, राष्ट्रीय शिक्षा नीति को रिव्यू कर रहे हैं। ये एक हेल्दी डिबेट है, ये जितनी ज्यादा होगी उतना ही लाभ देश की शिक्षा व्यवस्था को मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई शिक्षा नीति को 21वीं सदी के भारत की नींव को मजबूत करने वाला बताया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि परंपरागत शिक्षा नीति के कारण हमारे देश का विकास नहीं हुआ बल्कि हमारे देश के विद्यार्थी एक भेड़ चाल के रूप में चलते रहे। हमारे स्टूडेंट्स और युवाओं में क्रिटिकल और इनोवेटिव एबिलिटी विकसित कैसे हो सकती है जब तक हमारी शिक्षा में Passion न हो, Philosophy of Education न हो, Purpose of Education न हो।
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