कुछ समय पहले तक पहचान छुपाकर प्रेम प्रसंग और लव जेहाद के मामले सामने आ रहे थे। लेकिन अब एक ऐसा मामला सामने आया है जो आपको हैरान कर देगा। बाबा महाकाल के दरबार में लाखों करोड़ों श्रद्धालु श्रद्धा के साथ जाते हैं, उसी मंदिर में एक मुस्लिम युवक अपनी पहचान छुपा कर अपनी गर्लफ्रेंड की मदद से पहुंचा। यूनुस नाम के इस युवक की पेशी आज कोर्ट में की जा रही है। दरअसल आपको बता दें कि उसके पास है तो अलग-अलग प्रकार के आधार कार्ड प्राप्त हुए हैं। उसके पास से एक आधार कार्ड अभिषेक दुबे के नाम से प्राप्त हुआ और एक आधार कार्ड यूनुस मुल्ला…
हरकतों से हुई पहचान
बताया जा रहा है कि यूनुस मुल्ला अभिषेक दुबे के नाम से महाकाल के मंदिर में दाखिल तो हो गया। लेकिन उसकी हरकतों ने उसकी पहचान करा दी। महाकाल के दरबार में ना तो यूनुस मंत्रों का उच्चारण कर पा रहा था और ना ही सही से हिंदू रीति-रिवाजों का पालन करता रहा था। मंदिर कर्मचारियों ने उसे पकड़ कर ले उससे पूछताछ शुरू की तो पता चला कि वह तो धर्म से मुस्लिम है। जब आधार कार्ड निकाला गया तो आधार कार्ड की फोटो से उसका फोटो भी मैच नहीं हुआ। पूछताछ के बाद पता चला कि आधार कार्ड तो उसके किसी दोस्त का था।
बॉयफ्रेंड के लिए किया फ्रॉड
आपको बता दें कि यूनुस नाम का यह युवक अपनों गर्लफ्रेंड खुशबू यादव के साथ कर्नाटक से आया था। खुशबू ने अपने आपको मुंबई का एक फैशन डिजाइनर बताया है। उसका कहना है कि यूनुस उसका वर्कर है। बुधवार सुबह को भस्म आरती के लिए यूनुस ने अभिषेक दुबे के नाम से बुकिंग कराई थी। खुशबू ने यूनुस को अपना भाई बताकर मंदिर में एंट्री दिलाई थी। कर्मचारियों के पूछने पर भी खुशबू ने उसे अपना भाई बताया। लेकिन जब आधार कार्ड देखा गया तो सारी हकीकत सामने आ गई।
होटल मालिक ने रूम देने से कर दिया था इंकार
यूनुस खुशबू के साथ महाकाल मंदिर के पास ही एक होटल में रुकने के लिए गया था। वहां पर उसने अपना असली आधार कार्ड दिखाया था। होटल मालिक को जब यह पूरा मामला लव जिहाद से जुड़ा हुआ लगा, होटल मालिक ने पुलिस को सूचना दी। लेकिन पुलिस ने इस मामले पर कोई कार्यवाही नहीं की। इस मामले को लेकर मंदिर प्रबंधन समिति ने निजी सुरक्षा गार्डों में से तीन की सेवा को समाप्त कर दिया है। ऐसा कहा जा रहा है कि मंदिर के पुजारी की भी सेवा को समाप्त किया जा सकता है।