भारत इस समय कोरोनावायरस से जूझ रहा है। हर तरफ लॉकडाउन और नाइट कर्फ्यू का ऐलान हो चुका है। लोगों को अपनी आजीविका चलाना भी मुश्किल हो रहा है। सार्वजनिक समारोह पर रोक लगा दी गई है लेकिन उसके बावजूद हैदराबाद में एक ऐसा नजारा देखने को मिला जिसे देख कर आपका दिल दहल जाएगा। हैदराबाद के चारमीनार के पास मक्का मस्जिद में मुसलमानों ने रमज़ान महीने के आखिरी शुक्रवार को नमाज़ अता करने के लिए इकट्ठा हुए हैं। बताया जा रहा है 100 से अधिक मुसलमान नमाज पढ़ने के लिए मस्जिद से बाहर एकत्रित भी थे। यहां पर कोरोना प्रोटोकॉल की धज्जियां उड़ाई जा रही थी। सोशल डिस्टेंसिंग का तो नामोनिशान भी नहीं था लोग पास पास बैठ कर नमाज पढ़ रहे थे।
तेलंगाना सरकार ने कोरोना संक्रमण को कम करने के लिए सभी सामाजिक, राजनीतिक और धार्मिक सभाओं पर प्रतिबंध लगाए हुए हैं। सरकार के द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बावजूद इस तरह का कार्यक्रम होना किस ओर इशारा करता है? कल तक बहुत सारे लोग यह कह रहे थे कि कुंभ में एकत्रित होने वाली भीड़ संक्रमण बढ़ा रही है? उन्हें अब यह भी देखना चाहिए कि जो भीड़ नमाज पढ़ने के लिए एकत्रित हुई थी क्या उनके द्वारा संक्रमण नहीं फैला होगा?