कुछ समय पहले तक मुनव्वर राणा का नाम भारत के मशहूर शायरों में आता था। लेकिन अब कुछ दिनों से मशहूर शायर मुनव्वर राणा विवादित बयानों के शहंशाह हो गए हैं अर्थात वे हर किसी बात पर कोई ना कोई जरूरत बयान देते रहते हैं और भारत को हिंदू मुसलमान में बांटने की कोशिश करते हैं। बिहार विधानसभा चुनाव परिणामों से यह बात साफ हो चुकी है कि अब बिहार में नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार बनेगी और महागठबंधन को विपक्ष में बैठना होगा। वहीं दूसरी तरफ AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के नेतृत्व में आई एम आई एम ने 5 सीटें जीती।
इस पूरे मामले पर मुनव्वर राणा ने अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए लिखा, “मुझे दुख यह हुआ कि दुनिया की जहीन कौम मानते हैं मुसलमान। कहा जाता है कि मैं कुरान पढ़ता हूं, यह करता हूं, वह करता हूं। मालूम हुआ कि ये ओवैसी जो सुअर…है, यह पांच सीट राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की नेता तेजस्वी यादव से मांग लेता तो मिल जाती। आपको फायदा पहुंचाना है भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को। 15 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति खड़ी है, इन लोगों को सड़क पर घूमते देखा है हमने, इनके बाप को। यह अंपायर कहां से खड़ा हो गया। एक शेर है कि हमारा सानिहा ये है कि हर दौर-ए-हुकूमत में शिकारी के लिए जंगल में हम हांका लगाते हैं। ये ओवैसी जैसे लोग हैं, ये डॉक्टर अय्यूब जैसे लोग हैं जो मुसलमानों का हांका लगाते हैं, फिर भारतीय जनता पार्टी उनका शिकार करती है।”
तेजस्वी यादव की हार पर मुनव्वर राणा ने कहा, “मेरा मतलब यह है कि वहां एक सेक्युलर हुकूमत बननी चाहिए थी। जंग इस बात की है। मैं आपको यह भी बता दूं कि बिहार निकल गया है। बंगाल में भी वह यही करेगा। अखिलेश यादव यहां ऑफर भी करें तो वह नहीं मानेगा। दरअसल, 15 हजार करोड़ रुपये की हैसियत है। पुराने हैदराबाद में जितने तालाब थे उन्हें पटवाकर इसने इमारतें बनवा दीं। अभी जब बाढ़ आई तो लोग यही कह रहे थे कि जब पानी को उसका घर नहीं मिलेगा तो वह सड़कों पर ही बहेगा। यह मजाफाती गुंडा होता है, वैसी हैसियत थी। अभी किस्मत ऐसी कि आजम खां भी नहीं है, कोई नहीं तो यह जो कहता है उसे बेवकूफ किस्म के जाहिल मुसलमान सोचते हैं कि वह जैसा कहेंगे यह वैसा कर देगा। ऐसा कहीं हो सकता है। बिहार हार गए, बंगाल भी हारेंगे…2022 से पहले-पहले हिंदुस्तान को हिंदू राष्ट्र घोषित कर दिया जाएगा।”