भारत-चीन विवाद के बाद भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जलवा कायम है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री मोदी को लोग 2014 में पसन्द करते थे। ठीक उसी प्रकार अब भी देश की जनता को पीएम मोदी पर उतना ही विश्वास है। चीन से विवाद के बाद सी-वोटर स्नैप पोल में ये साफ हो गया है कि देश कि 74 प्रतिशत लोगों को नरेंद्र मोदी की सरकार पर विश्वास है और 14.4 प्रतिशत लोग विपक्ष पर विश्वास करते हैं।
इसके अलावा कुछ लोग दोनों में से किसी से भी संतुष्ट नही हैं। 68 प्रतिशत लोगों से जब चीनी सामानों के बहिष्कार के बारे में पूछा गया तो उनका उत्तर था कि वे चीनी माल का बहिष्कार करेंगे। जबकि 32 प्रतिशत लोगों का कहना है कि वे चीनी माल को खरीदेंगे। यह सर्वे इस लिए अहम माना जा रहा है क्योंकि अभी भारत ने सीमा विवाद में अपने 20 वीरों को शहीद होते देखा है। इसके बाद सरकार पर सवाल भी उठाये गए हैं। लेकिन इस सर्वें ने ये साफ कर दिया प्रधानमंत्री की छवि पर कोई भी फर्क नहीं पड़ा है।
भारत के लिए चीन बड़ा खतरा
इस सर्वे में जब लोगों से पूछा गया कि भारत के लिए पाकिस्तान ज्यादा बड़ा खतरा है या चीन, तो भारत के 68% नागरिकों का मानना है कि पाकिस्तान की अपेक्षा चीन भारत का बड़ा दुश्मन है। जबकि 32% भारतवासियों का मानना है कि पाकिस्तान भारत के लिए बड़ी चिंता का विषय है। भारत और चीन विवाद में भारत के 20 जवान शहीद हुए हैं जब भारत के लोगों से पूछा गया कि क्या जवाब में भारत ने सही कदम उठाए हैं तो 39% भारत वासियों का कहना था कि हां भारत सरकार ने सही कदम उठाए हैं। जबकि 61% भारतवासियों का मानना है कि भारतीय सैनिकों की शहादत का बदला लेना चाहिए।
पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत के 20 सैनिक हुए थे शहीद!
15-16 जून की रात को पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारत और चीनी सैनिकों के बीच भिड़ंत हुई थी। जिसमें भारतीय सेना के 20 जवानों ने अपनी जान गंवा दी। कुछ मीडिया रिपोर्ट के हवाले से यह खबर भी आई कि चीन के लगभग 43 सैनिकों ने या तो अपनी जान गंवा दी या घायल हो गए। इसके बाद से पूरे देश में रोष व्याप्त है और पूरे देश के लोग चीनी माल का बहिष्कार कर रहे हैं। वहीं कुछ लोगों का यह भी कहना है कि भारत को अपने सैनिकों की शहादत का बदला उनके सैनिकों को मार कर लेना चाहिए। इसी बीच किया गया यह सर्वे बहुत महत्वपूर्ण था।