मोदी सरकार का बड़ा फ़ैसला, तीनों सेनाओं को युद्ध के लिए हथियार खरीदने की मिली छूट

देश की मोदी सरकार ने देश की सेवा में शामिल जवानों की परेशानी हो देखते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। इस फैसले के अन्तर्गत अब तीनो सेना के जवान अपने लिए 15 दिनों के हथियार को रख सकते है।

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भारत की सेना अब युद्ध की स्थिति में लड़ाई के लिए 15 दिन तक का गोला-बारूद अपने पास जमा कर रख सकती है। पहले ये समय सीमा 10 दिन की थी, लेकिन सीमा पर बिगड़े हुए हालात को देखते हुए, लद्दाख में चीन से तनाव के बीच भारतीय सेना ने अब युद्ध की तैयारी को बढ़ा दिया है। भारतीय सेना दो मुहाने पर युद्ध की तैयारी काफी समय से कर रही थी, लेकिन अब सेना को इस पर गंभीरता से तैयारी करने को कहा गया है और 15 दिन की सघन लड़ाई के लिए तैयार रहने को कहा गया है।

पहले महज़ 10 दिन की तैयारी रखती थी सेना

टॉप सरकारी सूत्रों के मुताबिक सेना को हथियारों और गोला बारूद के संग्रह को बढ़ाकर अब 15 दिन तक कर दिया गया हैं। इसका मतलब ये है कि अब सेना को 15 दिन के सघन युद्ध की तैयारी की स्थिति में रहना है। पहले ये तैयारी 10 दिन की होती थी।

बता दें कि सेना को पहले 40 दिनों के लिए हथियार, गोला बारूद और साजो सामान इकट्ठा करने की परमिशन थी, लेकिन बाद में इसे घटाकर 10 दिन कर दिया गया ।खबरों के मुताबिक सैन्य साजो सामान के भंडारण और युद्ध के बदलते स्वरूप के चलते ऐसा फैसला लिया गया था।

हालांकि उरी हमले के बाद ये पता लगा कि सशस्त्र बलों के पास स्टॉक काफी कम है और तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर की अगुवाई वाली डिफेंस कमिटी ने सशस्त्र बलों के वाइस-चीफ की वित्तीय ताकत को 100 करोड़ से बढ़ाकर 500 करोड़ कर दिया। इसके साथ ही सेना के तीनों अंगों को इमरजेंसी वित्तीय ताकतें प्रदान की गईं, जिसके जरिए वे 300 करोड़ के अत्याधुनिक सामान और उपकरण खरीद सकते थे, जिससे जंग लड़ने में मदद मिल सके। चीन और पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए सशस्त्र बल अपनी वित्तीय शक्तियों का उपयोग करते हुए उपकरण, हथियार, मिसाइल और सिस्टम की खरीददारी में जुटे हैं।

सूत्रों के मुताबिक मिसाइल, टैंकों के लिए गोला बारूद और आर्टिलरी की संतोषप्रद मात्रा में खरीद हुई है, ताकि जमीन पर मौजूद सैनिकों के लिए किसी तरह की चिंता ना रहे। पिछली गर्मियों से ही पूर्वी लद्दाख में भारत और चीन के बीच तनातनी बनी हुई है।

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