2019 में लगातार दूसरी बार बहुमत के साथ केंद्र में सत्ता पर काबिज होने वाली मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल के 180 दिन यानि 6 महीने पूरे कर लिए हैं। राष्ट्रवादी छवि और कट्टर फैसलों के लिहाज से मोदी सरकार के लिए ये 6 महीने काफी अहम रहे। तीन तालाक, धारा 370 और राममंदिर जैसे बड़े और गंभीर मुद्दों पर हल निकालने पर बात करने वाली मोदी सरकार ने इन 180 दिनों के अंदर ही इन सभी मुद्दों को हल कर नया इतिहास रच दिया है। भले ही मोदी सरकार ने अपनी इक्षाशक्ति दिखाते हुए इन पुराने मामलों को सुलझा लिया है लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि आर्थिक मोर्चे पर मोदी सरकार असफल नजर आयी।
आइए नजर डालते है मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में अभी तक क्या कुछ घटा और किन ऐतिहासिक फैसलों का पूरा देश गवाह बना।
तीन तलाक पर प्रहार
दूसरी बार सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को निजात दिलाते हुए तीन तलाक को खत्म करने का बड़ा कदम उठाया। पहले लोकसभा और फिर राज्यसभा में मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक 2019 को पारित कर एक नया अध्याय लिखा। दूसरे कार्यकाल में सरकार का ये सबसे बड़ा फैसला था।
धारा 370 को किया खत्म
जम्मू कश्मीर से धारा 370 हटाना आज तक किसी भी सरकार के बस में नहीं था लेकिन 2019 में सरकार बनने पर पीएम मोदी ने इस नामुमकिन कार्य को भी कर दिखाया। अपने चुनावी घोषणापत्र में धारा 370 को सबसे ऊपर रखने वाली मोदी सरकार के गृहमंत्री अमित शाह ने संसद में बहुमत के साथ धारा 370 को खत्म किया। जिसके बाद लगभग हर विधानसभा चुनावों में भाजपा इसे अपनी सबसे बड़ी उपलब्धि के तौर पर पेश कर रही है।
राममंदिर पर संवैधानिक फैसला
देश के सबसे पुराने और विवादित मामले का हल भी संवैधानिक तरीके से मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में ही निकला। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक जल्द अयोध्या में भव्य राममंदिर का निर्माण होगा। भले ही मंदिर निर्माण का फैसला सुप्रीम कोर्ट ने सुनाया हो लेकिन इसके पीछे की सफलता का श्रेय मोदी सरकार को ही जाता है।
असम में लागू की NRC
असम में एनआरसी लागू करना भी मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल के बड़े निर्णयों में से एक है। हालाँकि मोदी सरकार अपने पहले कार्यकाल में ही NRC को काफी महत्वपूर्ण बता चुकी थी। यही कारण है कि अब केंद्र सरकार इसे पूरे देश में लागू करने के लिए कह रही है। गृहमंत्री अमित शाह तो कह भी चुके हैं कि पूरा देश NRC के दायरे में आयेगा और किसी को इससे डरने की जरुरत नहीं है।
अर्थव्यवस्था पर कमजोर पड़ी सरकार
भले ही मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में कई ऐतिहासिक फैसले लिए हों लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता कि देश की विकास दर इन 6 महीनों में लगातार गिरी है। देश की अर्थव्यवस्था जहां 2017 तक 7 फीसदी थी वहीं दूसरे कार्यकाल में यही विकास दर 4.5 फीसदी तक रह गयी है। ऐसे में अब देखना होगा कि डंके की चोट पर फैसले लेने वाली मोदी सरकार भविष्य में देश को और क्या तोहफा दे पाती है और अर्थव्यवस्था की चुनौती का कैसे सामना करती है।
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