स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर जारी किया नया प्रोटोकॉल

केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल में आपातकाल स्थिति में एंटीवायरल दवा Remdesivir और प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवा 'Tocilizumab' के साथ-साथ प्लाज्मा थेरेपी के जरिये कोरोना मरीजों का इलाज करने को कहा।

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देशभर में कोरोना का प्रकोप बढ़ता ही जा रहा है। अभी तक 3 लाख से ज्यादा कोरोना संक्रमित मामलों की पृष्टि हो चुकी है और इससे मरने वालों का आंकड़ा 10 हज़ार के करीब पहुंच गया है। इसी दौरान कोरोना के बढ़ते कहर को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना संक्रमितों के इलाज को लेकर शनिवार को नया प्रोटोकॉल जारी करते हुए मंत्रालय ने आपातकाल स्थिति में एंटी वायरल दवा Remdesivir और प्रतिरोधक क्षमता बढाने वाली दवा Tocilizumab के साथ-साथ प्लाज्मा थेरेपी के जरिये कोरोना मरीजों का इलाज करने के आदेश दिया है।

मंत्रालय ने ‘कोविड-19 के लिए ‘क्लीनिकल मैनेजमेंट प्रोटोकॉल’ की समीक्षा करते हुए कहा कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (HCQ) का इस्तेमाल सिर्फ बीमारी के शुरुआत में किया जाना चाहिए और गंभीर मामलों में इससे बचना चाहिए। मंत्रालय के द्वारा जारी इस नये प्रोटोकॉल के तहत गंभीर स्थिति और आईसीयू की जरूरत होने की स्थिति में एजिथ्रोमाइसीन के साथ हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन का इस्तेमाल किए जाने की पहले की अनुशंसा को समाप्त कर दिया है। मंत्रालय ने इस नए प्रोटोकॉल में यह भी कहा है कि हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा देने से पहले मरीज का ईसीजी भी होना चाहिए। इसकी रिपोर्ट के अनुसार ही मरीज को दवा दी जाये।

संशोधित प्रोटोकॉल में कहा गया है कि कई बड़े अवलोकन अध्ययनों में इसका कोई प्रभाव या सार्थक क्लीनिकल परिणाम नहीं दिखा है। इसमें बताया गया है, ‘‘अन्य वायरसरोधी दवाओं की तरह इसका इस्तेमाल बीमारी की शुरुआत में किया जाना चाहिए ताकि सार्थक परिणाम हासिल किया जा सके और और यह भी कहा की पहले से गंभीर रूप से बीमार मरीजों पर इसका इस्तेमाल करने से बचा जाना चाहिए।

भारत में कोरोना से संक्रमित मरीजों का रिकवरी रेट लगभग 50% छूने के करीब पहुंच चुका है। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय से प्राप्त आंकड़ो के मुताबिक शनिवार शाम तक तक देश में 1 लाख 54 हजार 329 लोग कोरोना को मात दे चुके हैं। अभी भी 1 लाख 45 हजार 779 लोग इस खतरनाक वायरस की चपेट में हैं और उनका इलाज जारी है। देश में कुल 55 लाख 7 हजार 182 टेस्ट किए जा चुके हैं। भारत अभी सबसे ज्यादा इन्फेक्शन के मामले में दुनिया में चौथे नंबर पर है।

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