देश में कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या तेजी के साथ बढ़ रही है। भारत के बहुत सारे राज्य इस समय दोबारा कोरोना की में आ चुके हैं। इसी संक्रमण के चलते कई राज्यों ने विद्यार्थियों की परीक्षाओं को टाल दिया है तो कई राज्यों ने शिक्षण संस्थानों पर ताला लटका दिया है। आम जनता के द्वारा बार-बार यह सवाल किया जा रहा है कि सभी प्रकार की गाइडलाइंस और नियम कानून केवल हमारे लिए क्यों हैं उन नेताओं के लिए कोई गाइडलाइंस क्यों नहीं बनाई जा रही है? जो विभिन्न प्रदेशों में चुनावी सभाएं कर रहे हैं और जिनमें हजारों की संख्या में लोग एकत्रित हो रहे हैं! चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक पार्टियो को चुनाव प्रचार के दौरान कोरोना मानदंडो में ‘ढिलाई’ बरतने के लिए चेतावनी जारी की है।
चुनाव आयोग ने शुक्रवार को सभी राज्य और राष्ट्रीय दलों को लिखा और कहा कि आयोग “मानदंडों को बनाए रखने में ढिलाई पर गंभीर विचार लेता है, विशेष रूप से मंच पर राजनीतिक नेताओं द्वारा मास्क नहीं पहने जाना” चुनाव आयोग का कहना है कि यदि स्थिति में सुधार नहीं लाया जाता है तो ऐसे ही रैलियों को बैन कर दिया जाएगा। सभी राजनीतिक दलों के नेताओं को भेजे एक पत्र में चुनाव आयोग ने कहा है, ‘हालिया हफ्ते में देखा गया है कि कोविड-19 के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है और ना ही मास्क लगाए जा रहे हैं।’ पत्र में स्टार प्रचारकों और नेताओं या उम्मीदवारों द्वारा कोविड-19 के नियमों का पालन नहीं किए जाने का उल्लेख किया गया है। यहां तक कि प्रचार के दौरान या मंच पर भी मास्क पहनने के नियमों का पालन नहीं हुआ।
पत्र में कहा गया, ”ऐसा कर राजनीतिक दलों के नेताओं और उम्मीदवारों के साथ ऐसी चुनावी सभा में बड़ी संख्या में हिस्सा लेने वाले लोगों के भी संक्रमित होने का खतरा है। उल्लंघन होने पर वह निर्देशों की अवहेलना करने वाले उम्मीदवारों, स्टार प्रचारकों या नेताओं की जनसभाओं, रैलियों पर रोक लगाने से नहीं हिचकिचाएगा।” चुनाव आयोग ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि आयोग, उल्लंघन के मामलों में, बिना किसी और संदर्भ के डिफ़ॉल्ट उम्मीदवारों / स्टार प्रचारकों / राजनीतिक नेताओं की सार्वजनिक बैठकों, रैलियों आदि पर प्रतिबंध लगाने में संकोच नहीं करेगा। आपको बता दें देश में पहले सभी प्रकार के सार्वजनिक कार्यक्रम बंद थे लेकिन जब इन कार्यक्रमों को शुरू किया गया तो सरकार नई गाइडलाइन जारी की थी कि सभी स्थानों पर सोशल डिस्टेंसिंग मास्क तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाएगी। लेकिन इन चुनावी रैलियों में ऐसा नहीं देखा जा रहा है।