भारतीय राजनीति में हमेशा से ही धर्म की राजनीति की जाती रही है। हालांकि राजनीति का कोई धर्म नहीं है लेकिन भारत में धर्म की राजनीति बहुत जरूरी हो गई है। पिछले 70 सालों में भारत में हिंदू और मुसलमान के नाम पर जो राजनीति हुई उसका गवाह भारत का इतिहास है। इसी बीच ममता सरकार ने यह निर्णय लिया है कि अब पश्चिम बंगाल में प्रत्येक नवदुर्गा समितियों को सरकार की ओर से 50-50 हजार रूपये दिए जाएंगे। इसके अलाबा राज्य की करीब 37 हजार दुर्गा पूजा समितियों के लिए कई तरह की राहत की घोषणा करते हुए बनर्जी ने कहा कि दमकल विभाग, कोलकाता नगर निगम, अन्य नगर निकाय और पंचायत अपनी सेवाओं के लिए पूजा समितियों से किसी तरह का कर या शुल्क वसूल नहीं करेंगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा, “कोविड महामारी के चलते यह हम सभी के लिए कठिन समय रहा है। हमने राज्य की प्रत्येक दुर्गा समिति को पचास-पचास हजार रुपये उपलब्ध कराने का निर्णय किया है. हमने यह भी निर्णय किया है कि कलकत्ता विद्युत आपूर्ति निगम और राज्य विद्युत बोर्ड पूजा समितियों को 50 प्रतिशत छूट उपलब्ध कराएंगे। “ममता ने कहा, “हमने हर पंडाल में मुफ्त अग्नि-सुरक्षा व्यवस्था जैसी अन्य सुविधाओं के साथ प्रत्येक पूजा समिति को 50,000 रुपये देने का फैसला किया है। इस साल पूजा समितियों को नगर निगम और स्थानीय निकायों को कोई कर नहीं देना होगा”
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कोरोना संक्रमण के कारण सभी तरह के व्यापार ठप हो चुके हैं। इसीलिए दुर्गा पंडाल लगाने के लिए और दुर्गा उत्सव को संयुक्त रूप से मनाने के लिए धन को एकत्र करने में बहुत बड़ी समस्या उत्पन्न हो रही है। इसीलिए पश्चिम बंगाल की सरकार ने निर्णय लिया है कि अब दुर्गा समितियों को 50000 रूपये दिए जाएंगे। इसके साथ साथ कोरोना संक्रमण के कारण जो पंडाल लगाए जाएंगे बुक खुले नहीं होंगे और एक निश्चित संख्या में ही लोग एक बार में उस में प्रवेश कर सकेंगे।