शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “उनके घर संकट आया है, वो हमारे अपने लोग है, हमने उन्हें बचाने की पूरी कोशिश की। लेकिन नहीं बचा पाए। उनका कष्ट, हमारा कष्ट है। परिवार का नुक़सान तो हो ही गया है लेकिन एक लाख रुपए की सहयोग राशि उन परिवारों को दी जाएगी।”
जिस तरह से कोरोना की दूसरे लहर से देश में ज्यादा मौते हो रही है वहीं शिवराज सिंह चौहान ने अपने प्रदेश वासियों के लिए अहम फैसला लिया है। इस संकट की घड़ी में उन परिवारों के लिए एक लाख रुपए का सहयोग कर, अपनी तरफ से शोक संतृप्त प्रकट किया है। इससे पहले ही कोरोना से मारे गए माता-पिता और अभिभावकों के बाद अनाथ हो चुके बच्चों को 5000 रुपए की पेंशन का ऐलान पहले ही शिवराज सरकार कर चुकी है।
और पढ़ें: शिवराज सिंह चौहान ने निभाया ‘मामा’ का धर्म, एक ट्वीट ने बचाई मासूम बच्चे की जान
पिछले हफ्ते गुरुवार को उन्होंने फैसला लिया की जिन बच्चों के ऊपर से माता पिता का साया उठ चुका है और घर में कोई कमाने वाला नहीं है। सरकार उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए नि:शुल्क शिक्षा और 5000 रुपए महीने की सहयोग राशि देगी। जिससे उनके आने वाले भविष्य में किसी भी प्रकार की बांधा ना आए। शिवराज सरकार ने कहा की जिस भी परिवार के पास पात्रता नहीं भी है उन्हें भी राशन फ़्री में दिया जाए। ताकि उनके घर में भोजन का इंतजाम हो सके, साथ ही जीवन यापन करने के लिए जिन बहनों के भाई नहीं रहे। उन्हें सरकार की गारंटी पर बिना ब्याज के ऋण काम-धंधे को शुरू करने के लिए मिलेगा। ताकि वह अपने परिवार का भरण पोषण कर सके।
वहीं दूसरी तरफ वर्चुअल तरीके से विधायकों के साथ बैठक की और ग्रामीण क्षेत्रों में क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी को मजबूत बनाने के लिए सभी विधायकों को निर्देश दिए।