36 महीनों में निर्मित होगा भगवान राम का भव्य मंदिर, खासियत जानकर हो जाएंगे आप हैरान

इस मंदिर का निर्माण 1000 साल के बारे में सोचकर हो रहा है। इस मंदिर को निर्मित होने में कम से कम 36 महीने का समय लगेगा। चंपत राय ने तांबे से संबंधित वस्तुओं का दान करने के लिए भक्तों से कहा है। उन्होंने कहा है कि 18 इंच लंबी, 3 मिलीमीटर मोटी, 30 मिली मीटर चौड़ी 10000 तांबे की पत्तियों की आवश्यकता है यदि आप चाहें तो अपना नाम उस पर लिख कर भी दान कर सकते हैं।

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5 अगस्त 2020 को भूमि पूजन के बाद भगवान श्री राम के भव्य मंदिर निर्माण की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं और अब भगवान राम के भव्य मंदिर का निर्माण जारी है। श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य चंपत राय ने बताया कि अलग-अलग तरह से लोग मंदिर के निर्माण में योगदान दे रहे हैं। आप लोग भी ऑनलाइन या ऑफलाइन के जरिए भगवान श्री राम के मंदिर को दान दे सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि आप धन के अलावा तांबे की पत्तियां और रोड निर्धारित साइज में भेज सकते हैं। चंपत राय ने बताया कि मंदिर के लिए 18 इंच लंबी, 3 मिली मीटर मोटी, 30 मिली मीटर चौड़ी, 10 हजार पत्तियों की आवश्यकता है।

इसके अलावा चंपत राय ने बताया कि भगवान श्री राम मंदिर का निर्माण 1000 साल के बारे में सोचकर हो रहा है। चंपत राय ने बताया कि हम इस तरह से तैयारी कर रहे हैं कि पूरा समाज दर्शन कर सके। 70 एकड़ में से 5 से 6 एकड़ को निकाल कर बाकी हिस्से को अलग से विकसित किया जाएगा। यह बताया जा रहा है कि मंदिर में प्रयोग किए जाने वाले पत्थरों की आयु 1000 साल है और यह भी बताया जा रहा है कि नींव में लगे हुए पत्थरों की आयु इससे भी ज्यादा होगी। 60 मीटर गहराई के मिट्टी के सैंपल लिए जा रहे हैं। 1200 खंबो के ऊपर बिल्डिंग की मोटाई के लिए आईआईटी चेन्नई और आईआईटी रुड़की में रिसर्च की जा रही है। चंपत राय ने बताया कि मंदिर निर्माण में जो भी अवशेष मिल रहे हैं उन को चिन्हित कर संग्रहालय में रखा जाएगा।

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