आतंकवाद की तरह ड्रग्स तस्करी पर भी कसी जाएगी लगाम, सिम्स से हो रही है मामलों की निगरानी

भारत सरकार का गृह मंत्रालय अब आतंकवाद की तरह ड्रग्स तस्करी पर लगाम लगाने की तैयारी में है। आतंकवाद के निपटने के लिए तैयार मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) की तर्ज पर ड्रग्स तस्करी के मामले से निपटने के लिए नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) बनाया गया है।

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सांकेतिक चित्र

देश में लगातार ड्रग्स की तस्करी बड़े स्तर पर हो रही है। जिसे लेकर अब केंद्र सरकार भी अलर्ट हो गई है। केंद्रीय गृह मंत्रालय आतंकवाद के बाद अब ड्रग्स तस्करी के खिलाफ अभियान चलाने की तैयारी में है। आतंकवाद के निपटने के लिए तैयार मल्टी एजेंसी सेंटर (मैक) की तर्ज पर ड्रग्स तस्करी के मामले से निपटने के लिए नार्को कोआर्डिनेशन सेंटर (एनकोर्ड) बनाया गया है। इसके साथ ही ड्रग्स के बड़े मामलों की उच्च स्तरीय निगरानी के लिए सिम्स (सीजर इन्फार्मेशन मैनेजमेंट सिस्टम) भी बनाया गया है। आपको बता दें इस मामले पर गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल और निगरानी प्रणाली ड्रग्स तस्करी का पता लगाने में कारगर साबित हो रही है। इसकी मदद से आतंकी गतिविधियों की तरह ड्रग्स तस्करी पर भी नकेल कसने में कामयाबी मिलेगी।

गृह मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों की माने तो वैसे तो एनकोर्ड का गठन 2016 में ही कर दिया गया था लेकिन 2019 में इसका विस्तार जिला स्तर तक किया गया। इसके तहत जिला से लेकर राष्ट्रीय स्तर पर ड्रग्स तस्करी के हर मामले में एजेंसियों के बीच सूचना का रियल टाइम आदान-प्रदान सुनिश्चित किया जाता है। इस कारण एक जिले में मिली सूचना के आधार पर देश के किसी भी हिस्से में ड्रग्स तस्करों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की जा सकती है। इसके अलावा वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि कोरोना के कारण 2020 और 2021 के शुरुआती छह महीने में एनकोर्ड के काम में कुछ व्यवधान जरूर आए लेकिन अब यह पूरी तरह काम करने लगा है और पूरे देश में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की बरामदगी को इसकी सफलता के रूप में देखा जा रहा है।

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