शादी की उम्र बढ़ाने के विरोध में उतरे नेता, संभल से सपा सांसद ने कहा : देश का माहौल खराब, कई अन्य नेताओं ने भी सरकार के फैसले का किया विरोध

बेटियों की शादी की उम्र बढ़ाने को लेकर अब देश के कई नेताओं ने विरोध जता दिया है। देवबंद के उलेमा, संभल से सपा के सांसद और महाराष्ट्र से समाजवादी पार्टी के नेता भी सरकार के इस फैसले का विरोध किया है।

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बेटियों के विवाह के लिए उनकी आयु अब 18 साल से बढ़कर 21 साल कर दी जाएगी। ऐसे प्रस्ताव को कैबिनेट ने अपनी मंजूरी दे दी है। लेकिन अब सरकार के इस फैसले के खिलाफ कई नेता खुलकर मैदान में उतर चुके हैं। महिला सशक्तिकरण की बात करने वाले देश में लड़कियों की शादी के उम्र को बढ़ाने का भी अब जबरदस्त विरोध होने लगा है। संभल से सांसद शफीकुर्रहमान बर्क ने कहा कि लड़कियों के लिए 18 साल की उम्र काफी थी। 21 साल की उम्र करना ठीक नहीं है। वे ससुराल जाकर भी पढ़ सकती थीं। शफीकुर्रहमान बर्क यहीं नहीं रुके, आगे बोले- ‘मुल्क का माहौल ख़राब है, उससे बच जाएंगी। आप देख रहे हैं कि हालात कितने खराब हैं? हमको अपनी बेटियों का ख्‍याल रखना पड़ता है। कहीं उनके साथ गलत हरकत ना हो जाए। मैं इस बिल का विरोध करूंगा। देश के अंदर गरीब यही चाहता है कि हमारी बेटी की जल्दी शादी हो जाए और वो अपने घर चले जाए।’

बर्क ने ये भी कहा कि शादी के बाद भी वह ससुराल जाकर पढ़ाई कर सकती हैं। ससुराल वाले उन्‍हें मना थोड़े ही करेंगे। बर्क ने कहा उन्‍होंने लड़कियों की शादी पर आवारा होने वाला बयान नहीं दिया था।

मोहसिन रजा बोले, ‘सपा की सोच आवारा’

यूपी के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि शफीकुर्रहमान बर्क आवाराओं की पार्टी से आते हैं और ऐसा बयान शर्मनाक है। शफीकुरहमान देश की बेटियों का अपमान कर रहे हैं, ऐसा बयान देकर समाज की छवि खराब करते हैं। उन्होंने कहा है कि सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव को जवाब देना चाहिए जो मथुरा काशी के विकास पर सवाल उठाते हैं? अब इस पर क्‍या कहेंगे? क्‍या आतंकियों, बलात्कारियों और ऐसे नालायकों पर अखिलेश बयान नहीं देंगे.. समाजवादियों की सोच आवारा है, ये बच्चियां ही सपा को चुनाव में जवाब देंगी।

देवबंद के उलेमाओं ने भी किया विरोध

देवबंदी उलमा मुफ्ती असद कासमी ने कहा, 18 साल की उम्र में लड़की बालिग हो जाती हैं। इस्लाम ये कहता है की 18 साल की उम्र बिल्कुल सही थी, उनकी ख्वाहिश भी होती है। अगर वह गुनाह करते हैं तो उनका गुनाह मां बाप पर भी शेयर होता है। इसलिए 18 साल की उम्र बिल्कुल सही थी लेकिन सरकार जो कर रही है वह किसी के कहने से नहीं रुकने वाली है। वह आगे बोले, देखिए जैसा कि आप ने सवाल किया है तो इस सिलसिले में इस्लाम क्या कहता है, मैं आपको बता दिया? मैं ना तो में कोई फतवा दे रहा हुँ यह मेरी अपनी निजी राय हैं और इस्लाम इसके बारे में क्या कह रहा है मैं वह बता देता हुँ? शरीयत इस्लाम के अंदर ये कहता है जब लड़का और लड़की बालिग हो जाए तो मां-बाप की अगर हैसियत उनकी शादी करने के लिए है तो उनकी तुरंत शादी कर देनी चाहिए। इसकी वजह भी बताई है क्योंकि जब लड़का और लड़की बालिग हो जाते है, उनकी ख्वाहिश भी होती है।

अबु आज़मी को भी है एतराज

महाराष्ट्र में समाजवादी पार्टी के विधायक अबु आजमी ने भी सरकार के इस फैसले पर एतराज जताया है। उन्होंने कहा है कि जिस तरह किसी की मौत हो जाने के बाद तुरंत उसका अंतिम संस्कार कर दिया जाता है, उसी तरह लड़की के बालिग होने पर भी जल्द से जल्द उसकी शादी कर देनी चाहिए। उन्होंने कहा अब 18 साल की लड़की शादी नहीं कर सकती। क्या अब वो 18 की उम्र में समझदार नहीं होगी, 21 की उम्र में ही मैच्योर होगी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के नाम पर भ्रष्टाचार हो रहा है। ये सब छिपाने के लिए ही ये सब किया जा रहा है।

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