इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव हैं। अक्टूबर में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर तैयारियाँ शुरू कर दी गई हैं। सोमवार को राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी की 38 जिलों के सभी एसपी के साथ बैठक हुई। समीक्षा बैठक में आयोग ने यह फैसला लिया कि बिहार में इस बार विधानसभा चुनाव ईवीएम के लेटेस्ट वर्जन के साथ कराया जायेगा। अब तक के बिहार चुनाव में M1 और M2 वर्जन के ईवीएम का इस्तेमाल होता रहा है लेकिन इस बार ईवीएम के लेटेस्ट वर्जन M3 का इस्तेमाल होगा।
M3 ईवीएम का इस्तेमाल उत्तरप्रदेश के पिछले विधानसभा चुनाव में किया जा चुका है। आयोग के निर्देश पर जल्द ही राज्य के बाहर से ईवीएम को मंगाए जाने की कार्यवाही भी शुरू हो जाएगी। यह इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का 3rd जनरेशन है। M3 में 24 बैलट यूनिट और 384 प्रत्याशियों की जानकारी होगी। इसके पहले के दो वर्जन में सिर्फ चार बैलेट यूनिट और 64 प्रत्याशियों की जानकारी ही स्टोर की जा सकती थी।
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इसकी खासियत हैं कि इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। यदि कोई ईवीएम से छेड़छाड़ करेगा यानी इसका स्क्रू भी खोलने की कोशिश करेगा तो मशीन बंद हो जाएगी और छेड़छाड़ करने वाले की फोटो दर्ज हो जाएगी। इसके अतिरिक्त बैठक में उन्होंने आपराधिक मामलों की तहकीकात जल्द खत्म करने के भी आदेश दिए। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने सभी डीएम को अलग से एक आदेश में बूथ वेरिफिकेशन तेजी से करने को कहा है।
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