हमारे देश में सेक्युलर का पाठ पढ़ाने वाले कुछ बुद्धजीवी खुद को देश के कानून और संविधान से भी ऊपर समझते हैं। आखिर वो कानून और न्यायपालिका की अवहेलना कर के ना का जाने किस बुद्धिमत्ता का परिचय देना चाहते हैं। आश्चर्य की बात तो ये है कि अगर इन्हें इनकी गलती का एहसास कराया जाए तो ये उल्टे ही देश को यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट तक को कानून का पाठ पढ़ाने लगते हैं।
दोहरे चेहरे का कलाकार
हम बात कर रहे है एक ऐसे दोहरे चेहरे वाले व्यक्ति की जो कि खुद को हास्य कलाकार कहता है लेकिन शायद इसका मकसद ही लोगो के बीच एक नकारात्मक माहौल तैयार करना है। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर ये देश के वरिष्ठ पत्रकार की भी भरपूर अवहेलना कर देता है। ये शख्स यहीं नही रुकता है, बल्कि ये देश की सर्वोच्च न्याय पालिका सुप्रीम कोर्ट की भी अवमानना करने से पीछे नही रहता है।
The Supreme Court of this country is the the most Supreme joke of this country…
— Kunal Kamra (@kunalkamra88) November 11, 2020
कथित हास्य कलाकार कुणाल कामरा अक्सर अपने कृत्यों की वज़ह से सुर्खियों में बने रहना पसन्द करते हैं। उनकी कॉमेडी में तो बिल्कुल दम नहीं है, ये बात शायद कुणाल को भी बखुबी पता है। इसी वज़ह से वो अक्सर जान बूझकर विवादों से नाता जोड़ कर रखते है। कभी फ्लाइट में जान बूझकर वो वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी के साथ भिड़कर खुद को सुर्खियों में लाते हैं, तो कभी सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर ही अँगुली उठाकर खुद को बुद्धजीवी का तमगा देने में लग जाते हैं।
DY Chandrachud is a flight attendant serving champagne to first class passengers after they’re fast tracked through, while commoners don’t know if they’ll ever be boarded or seated, let alone served.
*Justice*— Kunal Kamra (@kunalkamra88) November 11, 2020
कुणाल कामरा हाल ही में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ अपने विवादित ट्वीट को हटाने या उसके लिए माफी मांगने तक से इंकार कर दिया। इस बार भी कुणाल कामरा ने वरिष्ठ पत्रकार अर्नब गोस्वामी को ही अपने निशाने लिया है। सुप्रीम कोर्ट द्वारा रिपब्लिक टीवी के प्रधान संपादक अर्नब गोस्वामी को अंतरिम जमानत दिए जाने के बाद सिलसिलेवार ट्वीट के लिए कामरा के खिलाफ गुरुवार को अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल ने अवमानना कार्यवाही शुरू करने की सहमति दे दी थी। लेकिन कामरा को तब भी अपनी गलती का एहसास नहीं हुआ। वो यहीं नहीं रुके बल्कि उन्होंने वेणुगोपाल और न्यायाधीशों को संबोधित करते हुए कहा, – “हाल ही में मैंने जो ट्वीट किए उन्हें अदालत की अवमानना की तरह माना गया है। मैंने जो ट्वीट किए वे न्यायालय द्वारा प्राइम टाइम के लाउडस्पीकर के पक्ष में दिए गए अंतरिम फैसले के बारे में थे।”
No lawyers, No apology, No fine, No waste of space 🙏🙏🙏 pic.twitter.com/B1U7dkVB1W
— Kunal Kamra (@kunalkamra88) November 13, 2020
कामरा ने आगे कहा, – “मेरा दृष्टिकोण नहीं बदला है क्योंकि दूसरों की निजी स्वतंत्रता के मामलों पर सुप्रीम कोर्ट की खामोशी आलोचना के दायरे से बाहर नहीं रह सकती। अपने ट्वीट को हटाने या उसके लिए माफी मांगने का मेरा कोई इरादा नहीं है। मेरा मानना है कि वे अपने लिए बोलते हैं।”
इस बार कामरा को भुगतनी पड़ सकती है सजा
कामरा के ऊपर कई एयरलाइंस कंपनियों ने बैन कर दिया था। उसके बावजूद कामरा ने अपनी कृतियों पर कोई लगाम नहीं लगाया। अभिव्यक्ति की आजादी के नाम पर कामरा के इस आपत्तिजनक ट्वीट पर सुप्रीम कोर्ट भी काफी नाराज नजर आ रहा है। वेणुगोपाल ने कहा कि कामरा के ट्वीट बहुत आपत्तिजनक हैं और समय आ गया है कि लोग समझ लें कि शीर्ष अदालत को निशाना बनाने पर सजा मिलेगी। वेणुगोपाल ने कहा कि आज लोग मानते हैं वे अपनी अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का इस्तेमाल करते हुए ‘मुखरता और बेशर्मी’ से सुप्रीम कोर्ट और न्यायाधीशों की आलोचना कर सकते हैं। लेकिन संविधान में अभिव्यक्ति की आजादी अवमानना कानून के अधीन है। ऐसा में जाहिर है कि कामरा को जल्द ही कानून के दायरे में आ कर अपनी इस बड़बोलेपन और अभिव्यक्ति मि आजादी के नाम पर कुछ भी कहने की सजा भुगतनी होगी।