प्रत्येक देश का अपना एक कानून है, हर देश में हर अपराध के लिए एक कानून के तहत सजा सुनाई जाती है। किसी भी जघन्य अपराध को करने वाले व्यक्ति अथवा महिलाओं के सम्मान को ठेस पहुंचाने वाली व्यक्ति को बहुत सारे देशों में फांसी की सजा सुनाई जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि आज से 105 साल पहले अमेरिका में हाथी को फांसी की सजा सुनाई गई थी। आपको ये जानकर आश्चर्य हो सकता है कि ऐसा क्या कारण रहा होगा जिसके कारण हाथी को मौत की सजा सुनाई गयी। आज से 105 साल पहले 13 सितंबर 1916 को अमेरिका के टेनेसी राज्य में मैरी नाम के एक हाथी को फांसी दी गई थी। इस दौरान दो हजार लोग मौजूद थे। हाथी को फांसी देने की सजा के पीछे बहुत अजीब कहानी है।
बता दें कि चार्ली स्पार्क नाम का एक व्यक्ति टेनेसी में ‘स्पार्क्स वर्ल्ड फेमस शो’ नाम का एक सर्कस चलाता था। उस सर्कस में कई जानवर थे, जिसमें मैरी नाम का एक एशियाई हाथी भी था, बताया जाता है कि एक दिन मैरी के महावत ने किसी वजह से सर्कस छोड़ दिया। उसके बाद सर्कस के मालिक ने उसकी जगह पर एक दूसरे महावत को रख लिया। ऐसे में नए महावत को हाथी मैरी के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं थी। साथ ही मैरी ने भी महावत के साथ ज्यादा समय नहीं बिताया था। इसलिए मैरी को नियंत्रित करने में महावत को परेशानी होने लगी। इसी बीच एक दिन सर्कस के प्रमोशन के लिए शहर में परेड का आयोजन किया गया, जिसमें मैरी समेत सारे जानवर और सर्कस के सभी कलाकार शामिल किये गए। शहर के बीचों-बीच परेड निकाली गई। इस दौरान रास्ते में मैरी को कुछ खाने की चीज दिखी, जिसके लिए वह तेजी से आगे बढ़ने लगा और इस दौरान हाथी पर सवार महावत ने उसके कान के पीछे गर्दन पर भाला घोंप दिया, जिससे हाथी गुस्से में आ गया और उसने महावत को नीचे गिरा दिया। उसके बाद हाथी ने अपने पैरों से उसे कुचल दिया। और मौके पर ही महावत की मौत हो गई।
इस घटना से क्रोधित होकर लोग चार्ली स्पार्क के साथ-साथ हाथी के लिए मृत्युदंड की मांग करने लगे। उन्होंने यह भी धमकी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वह शहर में कभी भी कोई सर्कस नहीं होने देंगे। कई लोगों ने कई तरह से हाथी को मारने की बात कही। आखिरकार लोगों की जिद के आगे चार्ली स्पार्क को झुकना पड़ा और उन्होंने मैरी (हाथी) को मृत्युदंड देने का फैसला किया। इसके लिए उन्होंने 100 टन का वजन उठाने वाली एक क्रेन मंगवाई और 13 सितंबर 1916 को क्रेन की मदद से हाथी को हजारों लोगों के बीच फांसी पर लटका दिया गया। इस घटना को इतिहास में जानवरों के प्रति मानव का सबसे क्रूर व्यवहार माना जाता है।