जानिए कहीं स्टेशन, कहीं टर्मिनल तो कहीं क्यों लिखा होता है जंक्शन, क्या आप जानते हैं उनके बीच का अंतर

भारत के विभिन्न रेलवे स्टेशनों पर टर्मिनल, सेंट्रल तथा जंक्शन लिखा होता है। आज के इस लेख में हम आपको बताएंगे कि इन शब्दों का अर्थ क्या है? और किस शब्द का प्रयोग किस स्थिति में किया जाता है।

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आप सभी जब भी ट्रेन से सफर करते होंगे। तो अलग-अलग स्थानों पर पहुंचकर आपको दिखाई देता होगा कि किसी रेलवे प्लेटफार्म पर जंक्शन लिखा होता है, किसी पर टर्मिनल तो कहीं स्टेशन लिखा होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं इसके पीछे का क्या राज है? इन शब्दों के मायने क्या हैं? इनकी बीच का अंतर क्या है? तो आइए इस लेख में हम आपको बताते हैं इस पूरे मामले की हकीकत…

सामान्य रूप से टर्मिनल और टर्मिनस एक ही शब्द होते हैं।जिस भी रेलवे प्लेटफार्म पर टर्मिनल या टर्मिनस लिखा होता है उसका अर्थ होता है कि जहां से दूसरी दिशा की ओर कोई भी ट्रेन नहीं जाती है। अर्थात इस रेलवे प्लेटफार्म के एक ओर ही ट्रेन का आवागमन होता है। वर्तमान भारत में 27 रेलवे टर्मिनल हैं। जैसे कि भावनगर तथा बांद्रा टर्मिनस।

जिस भी रेलवे स्टेशन के नाम के आगे सेंट्रल लिखा होता है उसका अर्थ होता है कि यह रेलवे स्टेशन उस जगह का सबसे पुराना और महत्वपूर्ण रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन उस नगर के दूसरे रेलवे स्टेशनों से ज्यादा भीड़ भाड़ वाले होते हैं। यहां पर अतिरिक्त सुविधाएं दी जाती हैं। यह रेलवे स्टेशन उस नगर के दूसरे रेलवे स्टेशन से ज्यादा बिजी रहते हैं। इन रेलवे स्टेशनों से विभिन्न राज्यों के महत्वपूर्ण नगरों की ओर ट्रेन चलती हैं। रेलवे स्टेशनों के प्रमुख उदाहरण हैं कानपुर सेंट्रल, मुंबई सेंट्रल तथा चेन्नई सेंट्रल

आइए अब हम आपको बताते हैं कि किसी भी रेलवे प्लेटफार्म पर जंक्शन क्यों लिखा होता है? रेलवे स्टेशन के नाम में जब जंक्शन जोड़ता है तो इसका अर्थ होता है कि उस रेलवे स्टेशन पर तीन अलग-अलग रूट्स मिलते हैं… इसका मतलब यह है कि किसी भी स्टेशन पर अगर 3 दिशाओं से ट्रेन आकर मिलता है तो उस स्टेशन को जंक्शन कहा जाता है…भारत में ऐसे 300 से भी ज्यादा रेलवे जंक्शन है। परंतु भारत का सबसे बड़ा जंक्शन मथुरा स्टेशन को कहा जाता है, क्योंकि वह सात अलग-अलग रूट से निकलते हैं।

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