कोरोनावायरस संक्रमण से धीरे-धीरे निबटने के बाद अब मोदी सरकार मानसून सत्र में 11 अध्यादेशों को प्राथमिकता से लागू कराने पर विचार कर कर रही है। यह माना जा रहा है कि संसद का यह सत्र चीन के साथ चल रहे विवाद के बीच प्रारंभ हो जायेगा। हम आपको बता दें जून के महीने में भारतीय सेना के 20 जवानों ने गलवान घाटी में अपना सर्वोच्च बलिदान दिया था। अब हम बात करते हैं उन 11 अध्यादेशों की जिन्हें इस मानसून सत्र में पारित कराने का काम मोदी सरकार करेगी। मोदी सरकार इस मानसून सत्र में इन अध्यादेशों को करा सकती है पारित!
1. उपभोक्ता मामले एवं खाद्य वितरण मंत्रालय का अनिवार्य वस्तुएं (संशोधन) आदेश, 2020 को 5 जून 2020 को जारी किया गया। उक्त अध्यादेश अनिवार्य वस्तुएं एक्ट 1955 में संशोधन करता है।
2. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का ही किसानों पर व्यापार और वाणिज्य ( संवर्धन और सुविधा) अध्यादेश, 2020 को 5 जून 2020 को जारी किया गया।
3. कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय का मूल आश्वासन और कृषि सेवाओं पर किसान (सशक्तिकरण और संरक्षण ) समझौता अध्यादेश, 2020 को 5 जून 2020 को जारी किया गया।
4. स्वास्थ्य मंत्रालय के होम्योपैथी सेंट्रल काउंसलिंग अध्यादेश 2020 को 24 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। यह आदेश होम्योपैथी सेंट्रल काउंसिल एक्ट 1973 में संशोधन करता है
5. संसदीय कार्य मामले से जुड़ा मंत्रियों का वेतन और भत्ते अध्यादेश, 2020 को 9 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। यह अध्यादेश मंत्रियों के वेतन और भत्ते एक्ट 1952 में संशोधन करता है।
6. वित्त मंत्रालय के टैक्सेशन और अन्य कानून अध्यादेश, 2020 को 31 मार्च 2020 को जारी किया गया था।
7. दिवालियापन संहिता अध्यादेश 2020 को 6 जून को घोषित किया गया।
8. बैंकिंग विनियमन अध्यादेश 2020 को 26 जून 2020 को रखा गया।
9. स्वास्थ्य मंत्रालय की इंडियन मेडिसन सेंट्रल काउंसलिंग अध्यादेश 24 अप्रैल 2020 को जारी किया गया था। यह अध्यादेश इंडियन मेडिसन सेंट्रल काउंसलिंग एक्ट 1970 में संशोधन करता है।
10. स्वास्थ्य मंत्रालय के महामारी रोग अध्यादेश को 22 अप्रैल 2020 को जारी किया गया था यह अध्यादेश महामारी रोग 18 97 में असंतुलन करता है। इसमें खतरनाक बीमारियों की रोकथाम से संबंधित प्रावधान है। इस प्रावधान में स्वास्थ्य कर्मियों को पहुंचे जख्म तथा संपत्ति को नुकसान पहुंचाने या उसे नष्ट करने के लिए मुआवजे की व्यवस्था की गई है।
11. संसदीय कार्य मंत्रालय का संसद सदस्यों का वेतन भत्ते और पेंशन अध्यादेश 2020 को, 7 अप्रैल 2020 को जारी किया गया। यह अध्यादेश संसद सदस्यों का वेतन भत्ते और पेंशन एक्ट 1954 में संशोधन करता है।
मानसून सत्र में पारित नहीं होने पर इनमें से लगभग 5 से 6 विधेयक समाप्त हो जाएंगे। अध्यादेश अस्थाई कानून हैं जिन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश पर प्रख्यापित किया जाता है। जिसका संसद के अधिनियम के सामान प्रभाव होता है। अध्यादेश का 6 महीने तक जीवन होता है। सत्र जिस दिन शुरू होता है उसी दिन इसे प्रस्तावित किया जाना चाहिए। यदि इसे संसद द्वारा पारित नही किया जाता है तो यह स्वयं ही समाप्त हो जाता है।
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