आज 1988 में हुए ऑपरेशन ब्लू स्टार की 37 वीं बरसी है। इसी कारण अनेकों सिख संगठनों ने विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करने की योजना बनाई है। इसी के तहत अमृतसर में श्री हरमंदिर साहिब स्वर्ण मंदिर के अंदर एक कार्यक्रम के दौरान लोग खालिस्तानी अलगाववादी जनरल भिंडरावाले के पोस्टर लिए दिखाई दिए। तथा स्वर्ण मंदिर के भीतर खालिस्तानी झंडे भी दिखाई दिए हैं जिसकी तस्वीरें भी सामने आ चुकी हैं।
ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी को लेकर पंजाब सरकार ने पूरे राज्य में सुरक्षा कड़ी कर दी है। अमृतसर में सुरक्षा ज्यादा कड़ी की गई है। अमृतसर कमिश्नरेट पुलिस ने कहा है कि शहरभर में निगरानी रखने के लिए 6,000 से अधिक पुलिसकर्मियों को तैनात किया है। ऐसे में कार्यक्रमों की तस्वीरों में खालिस्तानी झंडे देखे जाने सरकार के लिए एक बड़ी चिंता बन सकती है। इन तस्वीरों में भीड़ में लोग इस झंडे को पकड़े नजर आ रहे हैं।
Punjab | Posters of Khalistani separatist Jarnail Bhindranwale, and Khalistani flags seen during an event inside Sri Harmandir Sahib (Golden Temple) in Amritsar, on the 37th anniversary of Operation Blue Star today pic.twitter.com/AKePPb45Gf
— ANI (@ANI) June 6, 2021
खालिस्तान आंदोलन
1947 में जब धर्म के आधार पर भारत के दो टुकड़े हुए तब सिख धर्म के कुछ लोगों ने किया आंदोलन चलाया कि उन्हें भी उनका देश खालिस्तान दे दिया जाए। अलग पंजाब के लिए जबरदस्त प्रदर्शन शुरू हुए और अंत में 1966 में ये मांग मान ली गई। भाषा के आधार पर पंजाब, हरियाणा और केंद्र शाषित प्रदेश चंडीगढ़ की स्थापना हुई। श्रीमती इंदिरा गांधी के कार्यकाल में यह आंदोलन बहुत तेजी के साथ उग्र हुआ और जन-जन में खालिस्तान के लिए भावनाएं भड़कने लगी। 6 जून 1984 को स्वर्ण मंदिर को अलगाववादियों से मुक्त करने के लिए एक सैन्य अभियान चलाया गया था जिसके कारण हरमिंदर साहिब का एक हिस्सा क्षतिग्रस्त भी हुआ था। सिख धर्म के लोगों को पूर्व प्रधानमंत्री का यह फैसला बिल्कुल सही न लगा इसीलिए इंदिरा गांधी के अंग रक्षकों के द्वारा ही उनकी हत्या कर दी गई थी।