भारत में लगातार इलेक्ट्रिक वाहनों की डिमांड बढ़ती जा रही है। हमारी सरकार भी इसे बढ़ावा देने के लिए हर मुमकिन कोशिश कर रही है। उसी को मद्देनजर रखते हुए हाल में ही सरकार ने ये अहम फैसला लिया है कि दुनिया कि सबसे बड़ी प्रतिमा Statue of Unity के आस पास के इलाके में सिर्फ इलेक्ट्रिक वाहन को चलाया जायेगा। इसी दिशा में काम करते हुए, स्टेच्यू ऑफ यूनिटी क्षेत्र विकास और पर्यटन संचालन प्राधिकरण (एसओयूएडीटीजीए) ने रविवार को कहा कि वह गुजरात के केवड़िया में ‘देश का पहला इलेक्ट्रिक व्हीकल-ओनली एरिया’ विकसित करेगा। जहां केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को आवाजाही की अनुमति होगी।
विश्व पर्यावरण दिवस पर शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के आदिवासी बहुल नर्मदा जिले के केवड़िया क्षेत्र को देश का पहला इलेक्ट्रिक वाहन शहर बनाने की घोषणा की थी। उसके एक दिन बाद प्राधिकरण ने इस योजना की जानकारी दी है। प्राधिकरण ने कहा, ‘‘(प्राधिकारण के) अधिकार में आने वाले इलाके में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों को आवाजही की अनुमति होगी। पर्यटकों को भी डीजल की जगह बैटरी वाली बसें उपलब्ध कराई जाएंगी। स्थानीय निवासियों को तीन पहिया ई-वाहन खरीदने के लिए सहायता प्रदान की जाएगी।”
इस योजना के तहत वाहन खरीदनें वाले लाभार्थी अधिकारियों/कर्मचारियों को सब्सिडी के अलावा अन्य राशि का भुगतान करना होगा। और उन्हें आसान किश्तों पर उनके वेतन से ऋण की राशि काटने की सुविधा प्रदान की जाएगी। हालांकि लाभार्थियों को यह गारंटी देनी होगी कि वे पेट्रोल-डीजल वाहनों का प्रयोग नहीं करेंगे। एजेंसी के अनुसार, शुरुआत में इस क्षेत्र में कम से कम 50 ई-रिक्शा चलाने की अनुमति होगी। इन ई-रिक्शा के चालक के रूप में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाएगी। प्राधिकरण ने यह भी कहा कि इससे शहर में केवल इलेक्ट्रिक वाहनों की अनुमति से वायु और ध्वनि प्रदूषण कम होगा और पर्यटकों को अच्छा लगेगा।