आज़ छठ का त्यौहार मनाया जा रहा है दुनिया में छठी मैय्या की पूजा अर्चना की जा रही है। तो वहीं दिल्ली में एक तरफ जहरीली हवा है और दूसरी तरह यमुना का जहरीला जल… दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल अन्य राज्यों के चुनाव में इतने व्यस्त हो गए हैं कि उन्हें अपने राज्य दिल्ली की कोई फ़िक्र ही नहीं। टेलीवीजन से लेकर सोशल मीडिया पर केजरीवाल सरकार ये नाकामी दिखाई दे रही है। आज़ भक्तों के पास छठी मैय्या पर विश्वास रखने के अलावा कोई और चारा नहीं है, क्यों कि दिल्ली को लन्दन बनाने का ख्याब दिखाने वाले और बड़े बड़े वादे करने में मुख्यमंत्री और उनकी सरकार तो यमुना नदी को स्वच्छ करने के मूड में नहीं दिखाई दे रही है।
Devotees performing Chhat Puja in Delhi are forced to take a dip in toxic Yamuna. Large number of people celebrate Chhat in Delhi and this shows his commitment towards providing facilities to those who observe the rituals. This is what Arvind Kejriwal has reduced Delhi to. Shame. pic.twitter.com/pLX669isGp
— Amit Malviya (@amitmalviya) November 8, 2021
आप जो ये तस्वीरें देख रहे हैं ये लन्दन या शिमला नहीं है। बल्कि दिल्ली है… दिल्ली की यमुना नदी है। जिसमे महिलाएं आज़ छठ पूजा का व्रत कर रहीं हैं। इन तस्वीरों में आप जो सफ़ेद रंग के बुलबुले देख रहे हैं ये बादल नहीं है ये बर्फ भी नहीं हैं…बल्कि ये तो जहरीले झांग हैं जिनकी उत्पत्ति उद्योगों के अपशिष्टों के पानी में मिलने के कारण होती हैं। यहाँ हैरानी की बात ये है जब तक ये वीडियो सोशल मीडिया पर नहीं आयी थी तबतक कोई एक्शन नहीं लिया गया। और सोशल मीडिया पर वायरल होती ही। केजरीवाल सरकार ने झाग रोकने के लिए नदी में बेरीकेट्स लगवा दिये। वहीं झाग खत्म करने के लिए कुछ तरल का भी अब छिड़काव किया जा रहा है।
Scientist IITian Arvind Kejriwal cleaning Toxicity in Yamuna River by installing barricades😂🤦♀️ #ScientistKejriwal pic.twitter.com/KNUMmFurvJ
— Rosy (@rose_k01) November 10, 2021
यमुना के किनारे पूजा करने वाली महिलाओं का कहना है कि हमें छठी मैय्या पर पूरा विश्वास है कि माँ हमारी रक्षा करेंगी। उनका कहना है जबतक हम माँ यमुना में स्न्नान नहीं करेंगे तब तक हमारा व्रत पूरा नहीं होगा। आपको बता दें कि इस जल के आचमन से प्रारम्भ हुआ व्रत 36 घंटे तक चलेगा। लेकिन भक्तों की मजबूरी ही है कि पवित्रता के नाम उन्हें सरकार के इस असफल काम को धोना पड़ेगा। पिछले कई वर्षो से केजरीवाल सरकार वादे करती हैं कि हम यमुना नदी को साफ करेंगे। आप सभी को यमुना में डुबकी अवश्य लगवा देंगे। लेकिन हर बार जनता में साथ छल होता है। हर बार वादे वादे बनकर रहा जाते हैं।
What a beautiful sight from Delhi’s Yamuna river. Thanks to Kejriwal ji from importing snow directly from Rohtang Pass for the occasion of Chhatt Pooja. God bless him and every other environmentalist who fought day and night to save delhi from Air pollution caused by crackers. pic.twitter.com/lN4WFa2hjj
— Madhur Singh (@ThePlacardGuy) November 8, 2021
पानी में क्यों बनते हैं झाग?
वैसे तो पानी में झाग बनना एक आम प्रक्रिया है और काफी आम है। यमुना की कहानी जानने से पहले आपको बताते हैं कि आखिर नदी या समुद्र के पानी में किस वजह से झाग बनते हैं। दरअसल, पौधों के मृत और सड़ने वाले हिस्सों में वसा के अणु होते हैं, जो पानी में अच्छे से धुल नहीं पाते हैं। वे पानी की सतह पर एक अदृश्य परत के रूप में बने होते हैं, लेकिन जब पानी हिलता है, लहरें आदि आती हैं या झरने से पानी गिरता है तो यह परत झाग में बदल जाते हैं। ये भी साबुन के झाग की तरह ही होते हैं। लेकिन यमुना नदी के झाग की कहानी कुछ अलग ही है। द प्रिंट की एक रिपोर्ट में विज्ञान और पर्यावरण केंद्र में जल कार्यक्रम के साथ काम करने वाली वैज्ञानिक सुष्मिता सेनगुप्ता बताती हैं कि यमुना में फॉस्फेट के उच्च स्तर की वजह से काफी ज्यादा झाग का निर्माण होता है। आपको बता दें कि इसी फॉस्फेट का इस्तेमाल डिटर्जेंट में होता है और इसकी वजह से यमुना में काफी ज्यादा झाग होता है।
#WATCH Few Chhath devotees stand in toxic foam laden Yamuna river near Delhi's Kalindi Kunj to offer prayers to the Sun god pic.twitter.com/rnzY8D0GQ3
— ANI (@ANI) November 9, 2021