दिल्ली की एक अदालत ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया को 2013 के एक मामले में 3 दिसंबर को ‘अवश्य’ पेश होने का आदेश दिया है। अतिरिक्त मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार पांडे ने 25 नवंबर को अरविंद केजरीवाल मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव को यह आदेश दिया था। यह उस समय का केस है जब योगेंद्र यादव अरविंद केजरीवाल के साथ हुआ करते थे।
अदालत शिकायतकर्ता सुरेंद्र कुमार शर्मा के कानूनी उत्तराधिकारी योगेश गौड़ की तरफ से दायर आवेदन की सुनवाई कर रही है। शर्मा की हाल ही में मृत्यु हो गई थी। अदालत ने कहा, ‘सभी तीनों आरोपियों को बस आज (25 नवंबर) के लिए उनके वकीलों के माध्यम से छूट दी जाती है लेकिन उन्हें सुनवाई की अगली तारीख को अवश्य ही कार्यवाही से जुड़ने का निर्देश दिया जाता है।’
क्या है पूरा मामला?
शिकायतकर्ता ने कहा था कि 2013 में आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने कहा था कि पार्टी के नेता आपकी समाज सेवा से बहुत पसंद है और आप को टिकट देना चाहती है। उन्होंने कहा था कि चुनाव समिति में मनीष सिसोदिया और योगेंद्र यादव ने उन्हें टिकट देने का निर्णय कर लिया था लेकिन बाद में उन्हें टिकट नहीं दिया गया।शिकायकर्ता ने 14 अक्टूबर, 2013 को दावा किया था कि प्रमुख अखबारों में प्रकाशित आलेखों में आरोपियों की तरफ से उनके खिलाफ इस्तेमाल किए गए शब्द मानहानिकारक, गैर कानूनी और अपमानजनक थे जिनसे से बार और समाज में उनकी प्रतिष्ठा धूमिल हुई।