दिल्ली एवं देश के विभिन्न हिस्सों में हो रहे किसान प्रदर्शन में कभी हिंदू विरोधी बयानबाज़ी तो कभी खालिस्तानी समर्थक नारे सुनाई दे रहे हैं। लेकिन ग़ौर करने वाली बात ये है कि नारेबाज़ी और भाषणों के जरिए अब अंबानी-अडानी को टार्गेट किया जा रहा है। ट्विटर पर आए-दिन #BoycottJio कृषि #BoycottJioSavan ट्रेंड कराया जा रहा है। यहां तक कि राहुल गांधी ने नए कृषि कानून को ‘अंबानी-अडानी कृषि क़ानून’ बता दिया है।
आप सोच रहे होंगे कि कृषि कानून के विरोध में हो रहे प्रदर्शनों में अंबानी-अडानी को क्यों कोसा जा रहा है। इसका जवाब है Reliance Jio, जो अब किसान-केंद्रित ऐप Jio Krishi लॉन्च करने की तैयारी कर रहा है। Jio कृषि ऐप का उद्देश्य किसानों को सिंचाई और कीट प्रबंधन में डेटा-चालित निर्णय लेने में मदद करना है लेकिन इसके विपरीत कई लोगों का ये मानना है कि ये सब केवल अंबानी को फायदा पहुंचाने के लिए किया जा रहा है।
कंपनी के अनुसार इस ऐप का मकसद किसानों को एक दूसरे से जोड़, उन्हें सिंचाई और कीट प्रबंधन से संबंधित निर्णय लेने में लाभ पहुँचाना है। इससे प्रतीत होता है कि जिओ कृषि क्षेत्र में प्रवेश करने के लिए पूरी तरह तैयार है। Jio कृषि ऐप को शुरुआती एक्सेस संग्रह में शामिल किया गया है और इसे व्यापक दर्शकों के लिए रिलीज़ होने से पहले कुछ समय लग सकता है। ये एप्लिकेशन किसानों को सरल और व्यावहारिक रूप से सटीक कृषि अभ्यास प्रदान करेगा।
फसल के नुकसान में कीटों का प्रमुख योगदान होता है। कई मौसमी कीट समय-समय पर फसलों को संक्रमित करते हैं और किसानों को नुकसान पहुंचाते हैं। Jio कृषि ऐप नियमित रूप से संभावित मौसमी कीटों के बारे में किसानों को समय-समय पर सचेत करेगा। पुष्टि हो जाने के बाद वे कीटों से होने वाले नुकसान को कम करने के लिए आवश्यक उर्वरकों और कीटनाशकों के बारे में भी बतायेगा। इतना ही नहीं Jio कृषि ऐप किसानों को समय पर अलर्ट भेजेगा और उनकी फसलों को हर समय हाइड्रेटेड रखने में मदद करेगा।
इस लक्ष्य के साथ Jio का फोकस भारत के 60 मिलियन सूक्ष्म, लघु और मध्यम व्यवसायों 120 मिलियन किसानों, 30 मिलियन छोटे व्यापारियों और अनौपचारिक क्षेत्र के लाखों छोटे और मध्यम उद्यमों पर होगा।
देश में कृषि क्रांति को गति देने और बिचौलियों की भूमिका समाप्त करने के लिए रिलायंस के पास पहले से ही Jio, JioMart, Reliance Fresh, Jio कृषि App जैसे बड़े बुनियादी ढांचे हैं। कंपनी का परिचालन बहुत जल्द शुरू हो सकता है।
फार्म सेक्टर में कॉरपोरेट्स का प्रवेश आवश्यक है क्योंकि किसानों के पास अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बातचीत करने का कौशल नहीं है जो पश्चिमी सरकारों और कॉरपोरेट्स द्वारा भारी संरक्षित हैं। फार्म सेक्टर में भारतीय कॉरपोरेट्स का प्रवेश न केवल किसानों को सीधे भारतीय बाजार के साथ जोड़ेगा, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजारों के साथ भी जोडे़गा और यह भारतीय किसानों को पश्चिमी देशों के किसानों की तरह समृद्ध बनने में मदद करेगा।