लगातार भारत में परीक्षाओं को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला दे दिया है। भारत के विभिन्न राज्यों की सरकारें JEE और NEET की परीक्षाओं को कराने के पक्ष में नहीं थीं। विद्यार्थियों की समस्या ने राजनीतिक रंग भी ले लिया था। इसीलिए गैर भाजपाई सरकारों ने सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर एक पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी। यह याचिका 6 राज्यों के सीएम ने 17 अगस्त को दायर की थी। जस्टिस अशोक भूषण, जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस कृष्ण मुरारी ने आज के अपने फैसले में राज्यों की याचिका खारिज कर दी है। कुछ दिनों पहले सुप्रीम कोर्ट ने 17 अगस्त के फैसले में परीक्षा तय तारीख से कराने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ छह राज्यों के कैबिनेट मंत्रियों ने 28 अगस्त को पुनर्विचार याचिका दायर की गई थी। याचिका दायर करने वाले राज्यों में पंजाब, झारखंड, पश्चिम बंगाल, राजस्थान, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र शामिल हैं।
इन सभी राज्यों ने देश में विद्यार्थियों की मांग को लेकर तथा अन्य राज्यों में आई बाढ़ के कारण इन परीक्षाओं को डालने की बात कही थी। हालांकि केंद्र सरकार और कई राज्य सरकारें इस बात के समर्थन में थीं कि कोरोना संक्रमण के बीच में यह परीक्षाएं कराई जाएं। उत्तर प्रदेश योगी सरकार ने तो यहां तक कहा था कि जब हमने B.Ed की परीक्षा कराई थी तब कोई गलत हालात उत्पन्न नहीं हुए तो NEET और JEE की परीक्षाओं में ऐसा क्या हो जाएगा?
“Supreme Court refuses to entertain the review petition filed by ministers of six states, seeking review of the court’s August 17 order to conduct NEET-UG and JEE (Mains) examinations.”
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