उत्तराखंड के चमोली में मार्च महीने में जनवरी जैसी सर्दी पड़ रही है। बद्रीनाथ, औली जैसे जिले के ऊंचाई वाली जगहों पर लगातार बर्फबारी का दौर जारी है। चमोली जनपद में होली से पहले बर्फ की होली दिखाई दे रही है। चारों तरफ सफेद बर्फ की चादर बिछ चुकी है। हरे-भरे दिखने वाले पहाड़ एक बार फिर सफेद बर्फ की चादर से ढक चुके हैं। चारों तरफ केवल बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है। पहाड़ों, हरे-भरे पेड़-पौधों, गाड़ियों और मकानों पर केवल बर्फ ही बर्फ दिखाई दे रही है। गुरुवार शाम से पहाड़ों में रुक-रुक कर बर्फबारी जारी है।
शनिवार को भी चमोली के बद्रीनाथ धाम, हेमकुंड साहिब, औली, नीति घाटी, माणा घाटी, थराली विकासखंड, पोखरी विकासखंड, गैरसैण, दशोली के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में लगातार हिमपात देखा गया। होली से पहले भगवान विष्णु के प्रसिद्ध धाम बद्रीनाथ का शृंगार कुदरत लगातार तीन दिनों से बर्फ से कर रही है। इस बार होली पर्व के लिए भगवान विष्णु के धाम बद्रीनाथ ने सफेद बर्फ की मोटी चादर ओढ़ ली है। इतना ही नहीं, यहां रहने वाले सुरक्षाकर्मियों के लिए लगातार हो रही बर्फबारी परेशानी का सबब बनती जा रही है। एक ओर बर्फ और दूसरी ओर बढ़ती ठंड के बीच लगातार बर्फबारी परेशानी का सबब बन रही है। बर्फबारी के चलते एक बार फिर बद्रीनाथ मार्ग बाधित हो गया है।
मशहूर स्कीइंग रिसॉर्ट औली में भी बर्फबारी का दौर जारी है। यहां एक से दो फीट की ताजी बर्फबारी हो चुकी है। ऐसे में यहां लगातार पर्यटक रोपवे से औली पहुंच रहे हैं और जमकर बर्फबारी का आनंद उठा रहे हैं। वहीं स्कीइंग के शौकीनों के लिए तो मानो इस बार कुदरत ही मेहरबान है। इस बर्फबारी के बीच औली एक बार फिर पर्यटकों से गुलजार है। दूसरी ओर, जिले में हिमपात से ग्रामीण क्षेत्रों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं। गांव में जहां इन दिनों खेती का काम शुरू हो गया था जो बर्फबारी के बाद प्रभावित हो गया है। बर्फ की मोटी चादर ने खेतों को भी ढक दिया है। वहीं जानवरों के चारे के लिए लोग बर्फबारी के बीच ही जंगल और खेतों की तरफ निकल रहे हैं। पिछले 3 दिनों से लगातार मौसम बदला हुआ है और बर्फबारी और बारिश से परेशानी बढ़ती जा रही है।
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