भारत की सर्वोच्च अदालत के निर्देश के बाद अब भारत में भगवान श्री राम के भव्य मंदिर का निर्माण प्रारंभ हो चुका है। लेकिन वहीं खबर आ रही है कि आईएसआईएस के आतंकी अब राम मंदिर को तथा भारत को अपने आतंकवाद का अगला निशाना बनाना चाहते हैं। आईएसआईएस के आतंकवादी भारत में आतंकवाद फैला कर भारत को इस्लामिक स्टेट बनाने की चाहत रखते हैं। लेकिन सबसे बड़ी दुर्भाग्य की बात यह है कि हमारे देश के ही कुछ कट्टरपंथी लोग उन्हें समर्थन करते हैं।
लेकिन अपनी आतंकवादी गतिविधियों के दंभ में चूर आईएसआईएस के प्रमुख लोग तथा भारत में रहने वाले गद्दार यह नहीं जानते, “युद्ध की संभावना में जी रहे सब लोग सुन ले, युद्ध भी है बुद्ध भी है जिसे चाहे उसे चुन ले!”
दुनिया ने इन सभी आतंकवादियों की अंधभक्ति को तथा बर्बरता को देखा है। इंसानियत के खिलाफ यदि वर्तमान में कोई सबसे बड़ी जंग लड़ रहा है तो वह आईएसआईएस के आतंकवादी हैं। यह वही आतंकवादी है जो गैर मुस्लिमों की महिलाओं, पुरुषों तथा उनके नवजात शिशुओं की गर्दन उड़ा देते हैं। इस्लाम के नाम पर पूरे विश्व में आतंकवाद फैलाने वाले यह सभी लोग अब भारत को धमकी देने का प्रयास कर रहे हैं। आईएसआईएस की मैगजीन में बाबरी मस्जिद मामले पर बदला लेने की धमकी दी गई है। आईएसआईएस की मैगजीन का टाइटल है द वॉइस ऑफ इंडिया। आईएसआईएस की इस मैगजीन के द्वारा भारत में रह रहे मुस्लिमों को भड़काने के लिए तथा बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में रिहा हुए लोगों को दंड देने के लिए मुस्लिमों को एकत्रित करने की उद्घोषणा की गई है। इसके अलावा भारतीय मुस्लिमों से कहा गया है कि बे भारतीय उच्चतम न्यायालय के निर्देश को ना माने!..
पहले भी भारत के भीतर इसी तरह के माहौल को बिगाड़ने की साजिश की गई थी। जिसका सबसे बड़ा परिणाम CAA तथा एनआरसी के खिलाफ भारत में हुए दंगे। धारा 370 का हटना, राम मंदिर निर्माण का प्रारंभ होना, नागरिकता संशोधन कानून और तीन तलाक जैसे मुद्दों के कारण भारत में रहने वाले कुछ उग्रवादियों ने भारत में आग लगाने का काम किया था। अब यह उग्रवादी आईएसआईएस के आतंकवादियों के साथ मिलकर भारत को निशाना बनाने की तैयारी में है। लेकिन शायद ही आतंकवादी तथा भारत में बैठे गद्दार यह नहीं जानते हैं कि इस समय भारत का शासन किसी निर्मल हाथ में नहीं है बल्कि कठोर तथा ताकतवर हाथों में है। और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पीछे उनकी जनता का विश्वास है। पुलवामा तथा उरी हमले के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने भारत की जनता के इसी विश्वास के बल पर पाकिस्तान को करारा तमाचा जड़ा था।