उत्तर प्रदेश के नेपाल बॉर्डर पर स्थित 300 मदरसों की जांच की जा रही है। सूत्रों के अनुसार यह बताया गया है कि यह मदरसे अचानक अस्तित्व में आए हैं। इसीलिए पुलिस विभाग तथा खुफिया विभाग इसकी जांच कर रहा है। इन मदरसों की आय का कोई भी स्त्रोत अभी तक पता नहीं चल पाया है। कुछ लोगों का मानना है कि इन मदरसों का प्रयोग देश विरोधी गतिविधियों में भी किया जा रहा है।
गोरखपुर के एडीजी जोन दावा शेरपा का कहना है, “भारत नेपाल बॉर्डर अत्यंत संवेदनशील है। जहां तक इस बॉर्डर पर बने मदरसों का सवाल है कई भवन ऐसे हैं जो शैक्षणिक संस्थानों के रूप में बनाए गए हैं। प्रथम देखने पर यह पता चलता है कि वहां के लोगों की आर्थिक स्थिति आय का स्त्रोत है। लेकिन उससे काफी अधिक बड़े यह भवन दिखाई देते हैं।” उनका कहना है कि हम गोपनीय रूप से यह पता करने में जुटे हैं, कि ये मदरसे आपराधिक और देश विरोधी गतिविधियों में तो लिप्त नहीं है। इसके अलावा यह भी देखा जा रहा है कहीं यह मदरसे किसी षड्यंत्र का हिस्सा तो नहीं है। कहीं किसी प्रकार की अवैधानिक और देश विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा तो नहीं मिल रहा है। हम इसकी भी सतत जांच और परीक्षण करा रहे हैं। एडीजी का कहना है कि यहां पर अचानक 300 मदरसे खोले गए हैं और स्थानीय लोगों का मानना है कि इनमें 300 विद्यार्थी भी शिक्षा लेने नहीं आते है।