राम मंदिर का मामला अब हल हो चुका है। 5 अगस्त को राम मंदिर का शिलान्यास होना है और इस कार्यक्रम में सभी गणमान्य अतिथि पधारेंगे। लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी, प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ 200 अतिथियों का इस कार्यक्रम में आगमन होगा। इस समय अयोध्या को दुल्हन की तरह सजाया जाएगा। पहले सूचना आ रही थी कि मंदिर के ट्रस्ट ने यह निर्णय लिया है कि मंदिर निर्माण के समय मंदिर की नींव से 2000 फीट नीचे एक टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। जिससे यदि कोई व्यक्ति भविष्य में राम मंदिर के इतिहास के बारे में जानना चाहेगा तो बहुत आराम से जान सकेगा। लेकिन शाम होते-होते श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महामंत्री चंपत राय ने इस खबर का खंडन कर दिया।
All reports about placing of a time capsule under the ground at Ram Temple construction site on 5th August are false. Do not believe in any such rumour: Champat Rai, General Secretary, Ram Janmabhoomi Teerth Kshetra Trust https://t.co/tAaZWsuJWn pic.twitter.com/HQ4CkZ9Ob9
— ANI (@ANI) July 28, 2020
महामंत्री चंपत राय ने बताया खबर को मनगढ़ंत
मंगलवार दोपहर 3:00 बजे श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से ट्वीट किया गया, जिसमें इस खबर को गलत बताया गया। इस ट्वीट में लिखा था, “राम मंदिर के नीचे टाइम कैप्सूल डाले जाने वाली खबर बिल्कुल गलत और मनगढ़ंत है। जब तक राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट की ओर से कोई आधिकारिक जानकारी न दी जाए, तब तक आप ऐसी किसी भी जानकारी को सत्य ना समझें।” गौरतलब है कि राम मंदिर से पहले इस तरह के टाइम कैप्सूल को दिल्ली के लाल किला और आईआईटी कानपुर के कॉलेज में रखा गया था।