भारतीय सेना के पराक्रम के किस्से भारत का बच्चा-बच्चा जानता है। सभी जानते हैं कि भारतीय सेना शेर की तरह लड़ा करती है, नाही पीठ पर वार करती है और ना ही पीठ पर वार सहती है। इसके अलावा भारतीय सेना का एक और रूप है जिसके बारे में भी बहुत सारे लोग जानते हैं या नहीं जानते। भारतीय सेना से बड़ी मानवतावादी सेना किसी भी देश की नहीं है, हम अपने दुश्मन को भी दुश्मन की तरह ट्रीट करते हैं, ना की किसी पशु की तरह।
“हाथ में खंजर नहीं आंखों में पानी चाहिए,
ए खुदा दुश्मन भी हमको खानदानी चाहिए।”
अर्थात हम ऐसे दुश्मन से युद्ध करना चाहते हैं जो पूरी जो पूरी ताकत के साथ हम से युद्ध करे, ना कि पीठ दिखा कर भाग जाए। भारतीय सेना की मानवता के किस्से भी दुनिया में मशहूर है। आज ऐसी ही खबर जम्मू कश्मीर से आ रही है,जहां भारतीय सेना के जवानों ने दर्दपोरा के व्यक्ति फारुख खसाना की पत्नी तथा उनके नवजात शिशु को 6 किलोमीटर पैदल चलकर उनके घर पहुंचाया। भारतीय सेना ने इसकी जानकारी ट्विटर के माध्यम से दी। भारतीय सेना ने ट्विटर पर दिखाया किस तरह भीषण परिस्थितियों से लड़ते हुए भारतीय सेना के जवान, महिला को कंधे पर ले जाते हुए पैदल चल रहे हैं?जबकि घनघोर बर्फबारी हो रही है!
#IndianArmy soldiers carried the wife and newborn of Farooq Khasana of Dardpura, Lolab, for 6km in knee-deep snow & safely rescued them to their home. #Kashmir @adgpi @NorthernComd_IA @suryacommand @Whiteknight_IA pic.twitter.com/NAXPQYHMIn
— Chinar Corps🍁 – Indian Army (@ChinarcorpsIA) January 23, 2021
न्यूज़ एजेंसी ANI के अनुसार खसाना की पत्नी गर्भवती थी और उन्होंने एक पुत्र को जन्म दिया था। अस्पताल से छुट्टी मिलने के कारण उसे अपने घर जाना था लेकिन बीच में इतनी भयंकर बर्फबारी थी कि ऐसी हालत में घर जाना संभव नहीं था। तब भारतीय सेना की मदद से माता और पुत्र दोनों सही सलामत अपने घर पहुंच सके।