भारतीय वायु सेना की शक्ति में और इजाफा होने जा रहा है। भारतीय वायुसेना में जल्द ही अब 83 तेजस विमान शामिल होंगे। इन विमानों के लिए 48000 करोड़ों की डील पर मुहर लगाई जा चुकी है। इस डील का निर्णय प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में कैबिनेट कमिटी ऑन सिक्योरिटी में लिया गया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस डील पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है, “वायु सेना की मजबूती के लिए यह फैसला लिया गया है यह डील रक्षा के क्षेत्र में गेमचेंजर साबित होगी।”
इस विमान की सबसे प्रमुख बात यह है कि यह विमान हवा से हवा में और हवा से जमीन पर मिसाइल दाग सकता है। इसमें एंटी शिप,मिसाइल विमान और रॉकेट भी लगाए जा सकते हैं। तेजस 42% कार्बन फाइबर, 43% एलमुनियम एलॉय और टाइटेनियम का बना होता है। तेजस स्वदेशी चौथी पीढ़ी का पैलेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है।
इस डील को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है, “हिंदुस्तान एंटीबायोटिक्स लिमिटेड ने पहले ही अपने नासिक और बेंगलुरु डिवीजन में दूसरी पंक्ति की विनिर्माण सुविधाएं स्थापित की हैं। HAL ACA-MK एक A उत्पादन को भारतीय वायुसेना को देगा। आज लिया गया निर्णय मौजूदा एलएसी तंत्र का काफी विस्तार करेगा और नौकरी के नए अवसर पैदा करेगा। प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता वाली सीसीएस ने आज ऐतिहासिक रूप से सबसे बड़ी स्वदेशी डील पर मुहर लगा दी है। यह डील 48000 करोड रुपए की है। इससे हमारी वायुसेना के बेड़े की ताकत स्वदेशी एलएसी तेजस के जरिए मजबूत होगी,भारत की डिफेंस मैन्युफैक्चरिंग के लिए यह डील गेमचेंजर साबित होगी।”
The LCA-Tejas programme would act as a catalyst for transforming the indian aerospace manufacturing ecosystem into a vibrant Atmanirbhar-self-sustaining ecosystem. I thank the Prime Minister Shri @narendramodi for this historic decision taken by the CCS today.
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) January 13, 2021