योगगुरु बाबा रामदेव ने आज करुणा को समाप्त करने वाली कोरोनिल को दुबारा लॉन्च किया। इस बार यह लॉन्चिंग सबूतों के साथ की गई है इस कार्यक्रम में भारत के स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन और भारत के केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी भी मौजूद रहे। कुछ समय पहले भी बाबा रामदेव ने इसे लांच किया था लेकिन विवादों के चलते देशभर में इसकी सप्लाई रुक गई थी ।योग गुरु रामदेव ने ‘पतंजलि द्वारा COVID-19 की प्रथम साक्ष्य-आधारित दवा’ पर वैज्ञानिक शोध पत्र जारी किया है। मीडिया रिपोर्ट की माने तो रामदेश ने शुक्रवार को हुई प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ‘कोरोनिल’ को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) से सर्टिफाइड बताया है।
Delhi: Yog Guru Ramdev releases 'the first evidence-based medicine for #COVID19 by Patanjali'.
Union Health Minister Dr Harsh Vardhan and Union Minister Nitin Gadkari also present at the event. pic.twitter.com/o1uwSAKK82
— ANI (@ANI) February 19, 2021
इसे लॉन्च करते समय बाबा रामदेव ने उन लोगों पर भी निशाना साधा जो हमेशा स्वदेशी दवाइयों के खिलाफ खड़े रहते हैं। लॉन्च करते हुए स्वामी रामदेव ने कहा कि लोगों का मानना है कि शोध कार्य केवल विदेशों में ही किया जा सकता है। खासकर जब बात आयुर्वेद की आती है, तो लोग विवाद खड़ा कर देते है।टाइम्स नाऊ की खबर के मुताबिक, ‘रामदेव ने लॉन्च के दौरान दावा किया कि यह दवा ‘3-7 दिनों के भीतर 100 प्रतिशत रिकवरी दर’ प्रदान कर सकती है। रामदेव ने दवा लॉन्च करते समय, सभी वैज्ञानिक प्रोटोकॉल वाले शोध पत्र को भी जारी किया, जो कोरोनिल के परीक्षणों के लिए था। उन्होंने कहा कि इनमें से नौ शोध पत्र अंतरराष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं, जबकि पंद्रह अन्य और मौजूद हैं। जून 2020 में भी बाबा रामदेव ने कोरोनिल को लॉन्च किया था। लेकिन बढ़ते विवाद के कारण आयुष मंत्रालय ने कहा था कि पतंजलि ‘कोरोनिल’ को केवल शरीर की ‘रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने’ वाली बताकर ही बेचा जा सकता है।