नई दिल्ली | भारत ने बीते सोमवार से शुरू हुई दो दिवसीय बैठक के दौरान ‘COVID-19 रिस्पांस’ पर चर्चा करने के लिए विश्व स्वास्थ्य सभा (WHA) को प्रस्तुत एक यूरोपीय संघ के नेतृत्व वाले 62-राष्ट्र गठबंधन मसौदा प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया है। दुनिया भर में कोरोना वायरस संकट की “निष्पक्ष, स्वतंत्र और व्यापक” जांच का आह्वान करते हुए विश्व के 62 देशों द्वारा इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया गया है।
रिसॉल्यूशन में कहा गया कि “हम COVID-19 महामारी से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य और समाज पर नकारात्मक प्रभावों, अर्थव्यवस्था और परिणामी असमानताओं के भीतर व देशों के बीच नकारात्मक प्रभाव से उत्पन्न रुग्णता और मृत्यु दर से चिंतित हैं।” इस मसौदे पर हस्ताक्षर करने के साथ ही यह पहली बार है जब भारत ने चीन के वुहान शहर से शुरू हुई महामारी पर वैश्विक स्तर पर अपना रुख स्पष्ट किया है। ड्राफ्ट का समर्थन करने वाले देशों में भारत समेत ऑस्ट्रेलिया, बांग्लादेश, बेलारूस, भूटान, बोत्सवाना, ब्राजील, कनाडा, चिली, कोलंबिया, अल सल्वाडोर, ग्वाटेमाला, आइसलैंड, इंडोनेशिया, जापान, मैक्सिको, मोनाको, मोंटेनेग्रो, मोजाम्बिक, न्यूजीलैंड आदि देश शामिल हैं।
आपको बता दें कि भारत में 22 मार्च से लागू लॉकडाउन के बावजूद भी कोरोना वायरस के मामले काफी तेज़ी से बढ़ते दिख रहे हैं। कोरोना संक्रमित मरीजों की संख्या 1 लाख के करीब पहुँच गयी है। वहीं, मरने वालों की संख्या 3029 हो गई है। पिछले 24 घंटे में 5242 नए केस सामने आए हैं। हालांकि, इस बीच राहत की बात यह है कि पिछले 24 घंटों के दौरान रिकॉर्ड 3,956 कोरोना रोगी मौत की जंग जीतकर स्वस्थ हुए हैं। स्वस्थ होने वाले रोगियों का भी यह आँकड़ा सबसे अधिक है। इसी के साथ देश में स्वस्थ होने वाले रोगियों की संख्या 34,109 तक पहुंच गई है।