झारखण्ड स्थित जमशेदपुर के कदमा में 6 फल विक्रेताओं पर सिर्फ इसलिए एफआईआर दर्ज हुई क्योंकि उन्होंने अपनी दुकानों में ‘विश्व हिंदू परिषद’ व ‘हिंदू फल दुकान’ लिखा था। ये कार्रवाई एक मुस्लिम युवक एहसान राज़ी के ट्विटर पर ट्वीट किए जाने के बाद हुई। ऐसी त्वरित कार्रवाई किए जाने पर लोगों ने जमकर झारखण्ड की हेमंत सोरेन सरकार की आलोचना की और उन्हें मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति न करने की सलाह दी। झारखण्ड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी इस मामले पर गहरा असंतोष जताया और पुलिस कार्रवाई के बाद वे उन फल विक्रेताओं की दुकान पर भी पहुंचे। बहरहाल उन फल विक्रेताओं पर अब केस वापस ले लिया गया है। ये जानकारी ट्वीट के ज़रिए खुद रघुवर दास द्वारा दी गई है।
कहा जा रहा है कि बीजेपी व आम जनता के तेवर भांपकर झारखण्ड सरकार ने उन फल विक्रेताओं पर दर्ज हुई एफआईआर वापस ले ली है। ज्ञात हो कि रघुवर दास ने कहा था कि अगर इन व्यापारियों पर किया गया ये केस तत्काल वापस नहीं लिया गया तो भाजपा बड़ा आंदोलन करेगी। साथ ही उन्होंने राज्य सरकार को चेताते हुए कहा था कि झारखण्ड सरकार तुष्टिकरण की राजनीति के कारण आजीविका चला रहे छोटे-छोटे व्यापारियों को तंग करना बंद करे। इस बीच विश्व हिंदू परिषद ने भी ट्विटर पर ट्वीट करके अपनी बात रखी। उन्होंने पूछा कि क्या भारत में हिंदू होना अपराध है? या विहिप, बजरंग दल व भगवा से जुड़ना अपराध है? उन्होंने आगे पूछा कि क्या जिन मीट की दुकानों, बूचड़खानों या पैकेटों पर हलाल शब्द लिखे होंगे, उन सभी साम्प्रदायिक व धार्मिक विद्वेष फैलाने वाली शब्दावली को भी ये सरकारें बंद करेंगी? यह बड़ा मामला है क्योंकि सिर्फ बैनर नहीं हटाया गया है बल्कि भगवान श्रीराम व भगवान शिव की तस्वीर भी हटाई गई है।
इसी बीच हालिया चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री रघुबर दास को हराने वाले जमशेदपुर पूर्वी के विधायक सरयू राय ने भी इस मामले में फल विक्रेताओं पर हुई एफआईआर को अफसोसजनक बताया है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया की हकीकत जाने बिना महज एक ट्वीट के आधार पर कार्रवाई दुर्भाग्यपूर्ण है और उन्हें प्रशासन ने आश्वस्त किया है कि इस मामले में कोई एक्शन नहीं लिया जाएगा। राय ने बताया कि उन्होंने बड़े स्तर पर इस मामले को उठाया है। राज्य के दोनों ही बड़े नेताओं ने राज्य सरकार द्वारा की गई इस कार्रवाई पर कड़ा एतराज़ व्यक्त किया है।
इसी तरह की फल विक्रेताओं को परेशान करने की घटनाएं बिहार के नालंदा और हैदराबाद के अत्तरपुर से भी सामने आईं हैं जहाँ फल, सब्ज़ी और किराने की दुकानों पर भगवा झंडा लगाने पर पुलिस ने कार्रवाई की है। सूत्रों के हवालों से पुलिस ने इनपे अन्य धाराओं के अलावा 295(A) की धारा भी लगाई है। ये धारा तब लगाई जाती है जब किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाई जाती है। इन कार्रवाईयों के बाद अब लोग पूछने लगें हैं कि क्या अखबार ‘द हिंदू’ को भी इन प्रदेशों में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा? साथ ही लोग अब कई इस्लामी नाम वाली दुकानों की तस्वीरें ट्वीट कर उनसे पूछ रहे हैं कि अगर हिंदू ऐसा नहीं कर सकते तो दूसरों को छूट क्यों है?
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