हिमाचल बनेगा हींग और केसर उत्पादक राज्य, 2 जिलों में ट्रायल हुए सफल

हिमाचल में हींग के साथ-साथ केसर का भी उत्पादन होगा। दोनों के सफल ट्रायल हो चुके हैं। केसर का ट्रायल लाहुल में पहले भी सफल रहा था अब केसर की खेती प्रारंभ करने की तैयारी की जा रही है।

0
676

भारत का अद्भुद प्रदेश हिमाचल प्रदेश हींग के साथ-साथ केसर का भी उत्पादन करेगा! इसके लिए 2 ट्रायल लाहुल स्पीति और मंडी में सफल हो चुके हैं।अब इसकी खेती प्रारंभ होने वाली है यह बताया जा रहा है कि हींग की खेती शुरू होने के कारण अन्य देशों पर भारत की निर्भरता समाप्त हो जाएगी। मंडी में भी हींग जंजैहली क्षेत्र में तैयार की जा रही है। वहीं जिन क्षेत्रों में केसर लगाया गया है वहां अब फूल निकलने लगे हैं और लाहुल मंडी में केसर की पैदावार के बाद प्रदेश भर में केसर की खेती करने की संभावनाएं प्रबल हो चुकी हैं। जम्मू कश्मीर में केसर के बीमारी में चपेट में आने के कारण पहली बार 2008 और 2009 में इस प्रोजेक्ट पर काम हुआ था। इस दौरान लाहौल स्पीति, रामपुर, भरमौर और पांगी में इसे उगाया गया था। जहां पर इसका ट्रायल सफल रहा था। हम आपको बता देंगे केसर के लिए अनुकूल तापमान और नमी वाली जमीन की आवश्यकता होती है।

हींग तथा केसर की औषधीय गुणों के कारण दुनिया भर में मांग सबसे ज्यादा है। इनका प्रयोग खाने में डालने के लिए किया जाता है।वही केसर सौगंध के तौर पर इस्तेमाल होता है। यह दोनों ही रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाते हैं। ऐसे में इनको घरों में खाना पकाने के साथ-साथ दवाओं में भी प्रयोग में लिया जाता है। हींग की सबसे अधिक डिमांड दक्षिण क्षेत्र में रहती है। भारत में ही फिलहाल अफगानिस्तान, ईरान, उज़्बेकिस्तान से आयात होता है। वही केसर की खेती अभी भी केवल जम्मू कश्मीर में होती है। ये शरीर में बात वात कफ को ठीक करती है। वही इनके द्वारा शरीर की मे पित्त का स्तर इससे बड़ा रहता है और इसके सेवन से भूख बढ़ जाती है हालांकि यह माना जाता है कि इसकी खुशबू अच्छी नहीं होती ! लेकिन उसके बावजूद यह खाने में जायका डाल देती है!

वहीं दूसरी तरफ केसर का प्रयोग बच्चे और बड़े दोनों लोग करते हैं। गर्भवती महिलाओं को दूध में मिलाकर केसर दिया जाता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी, एंटी अल्जाइमर और मिर्गी के दौरे को रोकने के तत्व मौजूद होते हैं। यह भूख बढ़ाने सहित हाजमे को मजबूत करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।अपने इन्हीं गुणों के कारण इसका दाम बहुत ज्यादा होता है।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here